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आलू के बाद हरे मटर से मालामाल हुए चौहारघाटी के किसान

जिला की चौहारघाटी के किसान आलू के बाद मटर की फसल का अच्छा भाव मिलने से मालामाल हो रहे हैं। इससे किसानों के चेहरे पर रौनक आ गई है। किसानों के अनुसार गांव में ही हरा मटर डेढ़ सौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है।

By Richa RanaEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 03:34 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 03:34 PM (IST)
आलू के बाद हरे मटर से मालामाल हुए चौहारघाटी के किसान
आलू के बाद मटर की फसल का अच्छा भाव मिलने से मालामाल हो रहे किसान।

आशीष भोज, पद्धर : जिला की चौहारघाटी के किसान आलू के बाद मटर की फसल का अच्छा भाव मिलने से मालामाल हो रहे हैं। इससे किसानों के चेहरे पर रौनक आ गई है। किसानों के अनुसार गांव में ही हरा मटर डेढ़ सौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। इससे अच्छी खासी कमाई किसानों को हो रही है।

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पहली बार चौहारघाटी का आलू पचास रुपये प्रति किलो के भाव से घर द्वार पर बिका। इससे किसान मालामाल हुए हैं। आलू के बाद मटर, हरा धनिया, मूली और गोभी की पैदावार की। मटर की फसल तैयार होकर अब मंडियों में दस्तक दे चुकी है। चौहारघाटी में तैयार तमाम फसलें जैविक खेती से तैयार की जाती है। ऐसे में मंडियों में चौहारघाटी के सभी उत्पादों की खासी मांग रहती है। चौहारघाटी के साथ घोघरधार के किसानों ने हरा धनिया की खेती कर भी गाड़ी कमाई की। अस्सी से सौ रुपये प्रति किलो के भाव से हरा धनिया मंडियों में बिका। कांगड़ा जिला के छोटा भंगाल में जहां फूल गोभी प्रचुर मात्रा में तैयार की जाती है। वही मंडी जिला की चौहारघाटी में अन्य नगदी फसलें किसानों की कमाई का जरिया बन रही है। घाटी के बरोट, लपास, वरधाण, धमच्याण, लटराण, तरसवाण, सुधार, सिल्हबुधानी, कथोग, रोपा, बल्ह और बथेरी आदि पंचायतों में आलू का सीजन ऑफ होने बाद अब किसान हरे मटर के तुड़ान के कार्य मे मशगूल हुए हैं।

किसानों में साजु राम, धर्म सिंह, राम बहादुर, रोशन लाल, राम ङ्क्षसह, सुरेंद्र कुमार, बाजू राम, देवेंद्र कुमार, ओम प्रकाश, हरि सिंह, सूरत राम, नरोत्तम राम, नरेश कुमार, और पवन कुमार ने बताया कि गांव में ही हरा मटर डेढ़ सौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। इस बार बरसात सामान्य होने से मटर की बंपर खेती हुई है। इससे किसानों को अच्छी आमदनी हो रही है। चौहारघाटी से रोजाना दस से पंद्रह जीपें हरा मटर की पठानकोट सहित अन्य मंडियों में जा रही है। मटर के बाद फूल गोभी का सीजन शुरू होने वाला है।

कृषि विशेषज्ञ डॉ. पूर्ण चंद ने कहा कि चौहारघाटी की जलवायु नगदी फसलों के लिए बेहद अनुकूल है। किसानों को समय समय पर प्रशिक्षित किया जाता है। किसान मेहनत करे तो अच्छी आमदनी कमा सकता है। चौहारघाटी का आलू पहली बार पचास रुपए प्रति किलो भाव तक बिका। हरे मटर की भी घाटी में इस बार बंपर फसल हुई है। जिससे अच्छी खासी कमाई किसानों को मिल रही है।


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