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WhatsApp Quiz : वाट्सएप क्विज में अब 40 फीसद से भी कम बच्चे ले रहे भाग

WhatsApp Quiz कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई का मूल्यांकन करने के लिए शुरू किया गया कार्यक्रम वाट्सएप क्विजÓ अब फ्लाप होता नजर आ रहा है। स्कूलों में नियमित कक्षाएं शुरू होने के बाद वाट्सएप क्विज में बच्चों की रुचि धीरे-धीरे कम हो रही है।

By Virender KumarEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 09:19 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 09:19 PM (IST)
WhatsApp Quiz : वाट्सएप क्विज में अब 40 फीसद से भी कम बच्चे ले रहे भाग
वाट्सएप क्विज में अब 40 फीसद से भी कम बच्चे भाग ले रहे हैं। जागरण आर्काइव

शिमला, जागरण संवाददाता। WhatsApp Quiz, कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई का मूल्यांकन करने के लिए शुरू किया गया कार्यक्रम 'वाट्सएप क्विजÓ अब फ्लाप होता नजर आ रहा है। स्कूलों में नियमित कक्षाएं शुरू होने के बाद वाट्सएप क्विज में बच्चों की रुचि धीरे-धीरे कम हो रही है। जब तक स्कूल नहीं खुले थे तब तक कक्षा नवमीं से 12वीं तक के 65 से 70 फीसद बच्चे भाग लेते थे। अब यह आंकड़ा 40 फीसद से नीचे पहुंच गया है।

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शनिवार को शिक्षा निदेशालय में आयोजित बैठक में इस पर चर्चा की गई। निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग डा. अमरजीत शर्मा ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि स्कूल खुलने के बाद बच्चे आफलाइन कक्षाएं लगा रहे हैं। इसलिए इसकी तरफ रूझान कम हुआ है।

शिक्षा निदेशक ने कहा कि वाट्सएप क्विज को शुरू करने का मकसद बच्चों ने जो सप्ताह भर में पढ़ा है उसका रविजन करवाना है। इसके माध्यम से वह परीक्षाओं के लिए भी तैयार होंगे। हर सप्ताह टेस्ट होने से परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से हो पाएगी और छात्र खुद भी अपना मूल्यांकन कर पाएंगे कि उनमें क्या कमियां हैं। शिक्षकों को भी यह पता लग सकेगा कि बच्चा किस विषय में कमजोर है।

उन्होंने सभी जिलों के शिक्षा उपनिदेशक और स्कूल प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए कि इसमें बच्चों की हाजिरी को बढ़ाएं। उन्हें प्रोत्साहित करें कि वह इस टेस्ट में भाग लें।

हर सप्ताह करेंगे समीक्षा

निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग डा. अमरजीत शर्मा ने कहा कि शिक्षा उपनिदेशक, स्कूल प्रधानाचार्यों व मुख्य अध्यापकों को कहा गया है कि वाट्सएप क्विज में बच्चे ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाग लें, इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि इसका फायदा छात्रों के साथ शिक्षकों को भी होगा। हर सप्ताह विभाग अब इसकी समीक्षा करेगा कि इसमें कितने बच्चे बढ़ रहे हैं। जिन जिलों में कमियां होंगी वहां पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।


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