ओपीएस बहाली के लिए अब आंतरिक सलाहकार समूह गठित
राज्य ब्यूरो, शिमला : पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाली के मुद्दे पर शिमला में सोमवार को मुख्य सचिव आरडी धीमान की अध्यक्षता में गठित हाईपावर कमेटी की बैठक में कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया। बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों से कहा गया कि अब एक और बैठक होगी। बैठक कब होगी, इसकी तिथि तय नहीं है।
इससे पहले बैठक में सभी पक्षों ने अपने तर्क दिए। सरकार की ओर से अधिकारियों ने प्रस्तुति दी। जबकि न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) कर्मचारी संघ ने पेंशन बहाल करने का माडल पेश किया। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने बीच का रास्ता निकालने की बात कही। अब मंडी के डीसी अङ्क्षरदम चौधरी की अध्यक्षता में एक आंतरिक सलाहकार समूह का गठन किया जाएगा।
यह समूह इस माडल की पड़ताल करेगी। डाटा का बारीकी से अध्ययन करेगी। अगर पेंशन बहाल होती है तो कितना खर्चा आएगा, इसकी रिपोर्ट हाईपावर कमेटी को सौंपेगी। इसमें अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा। यह समूह कम से कम प्रत्येक तिमाही में आंतरिक एडवाइजरी जारी कर पिछले रिटर्न, विभिन्न निवेश उपकरणों तथा संभावित निवेश अवसरों के बारे में जानकारी साझा करेगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि एनपीएस कर्मचारियों की समस्याओं और मांगों पर सरकार संवेदनशीलता के साथ आवश्यक कार्रवाई करेगी। एनपीएस केंद्र सरकार द्वारा कार्यान्वित योजना पर आधारित है। भविष्य में केंद्र की ओर से जब भी इसमें कोई बदलाव होता है तो प्रदेश सरकार भी उसे तत्काल प्रभाव से लागू करेगी। बैठक ढाई बजे आरंभ हुई और करीब इतने ही समय तक चली।
पेंशन बहाल से 700 करोड़ की बचत की दावा
एनपीएस कर्मचारी संघ ने बैठक में आंकड़े प्रस्तुत किए कि अगर सरकार पुरानी पेंशन बहाल करती है तो राज्य को सालाना 700 करोड़ की बचत होगी। अभी सरकार का 14 प्रतिशत शेयर और कर्मचारी का 10 प्रतिशत शेयर कंपनी के माध्यम से सीपीएफ में जमा हो रहा है। सरकार साल में 1200 करोड़ जमा कर रही है। अगर पुरानी पेंशन दी तो साल में 500 करोड़ देने होंगे। संघ ने दावा किया कि सरकार 700 करोड़ के लाभ में रहेगी। एक उदाहरण भी दिया गया। अगर अभी कोई कर्मचारी नौकरी पर लगता है तो सीपीएस के तहत 13 साल में सरकार का शेयर एक करोड़ जमा होगा, जबकि 70 लाख कर्मचारी का अपना शेयर बनेगा। अगर पुरानी पेंशन मिलेगी तो कुल पेंशन सरकार को 62 लाख ही देनी होगी। वो उस हालत में हैं अगर औसत आयु 71 वर्ष माने। अभी पेंशन फंड में कर्मचारियों के 7500 हजार करोड़ जमा हैं।
1.14 लाख कर्मियों को नहीं मिली राहत
बैठक में फिलहाल 1 लाख 14 हजार कर्मियों को राहत नहीं मिल पाई है। पुरानी पेंशन बहाल होने के आसार काफी कम नजर आ रहे हैं।
अधिकारी भी चाहते हैं पेंशन
2004 के बाद नियुक्त अधिकारी भी चाहते हैं कि पुरानी पेंशन बहाल हो। अधिकारियों की ओर से हाईपावर कमेेटी की बैठक में इनके दो प्रतिनिधियों मंडी के डीसी अङ्क्षरदम चौधरी, जिला पर्यटन अधिकारी निशांत ठाकुर को शामिल किया गया है। एक आइएएस और दूसरे एचएएस का प्रतिनिधित्व करते हैं।
बैठक में सरकार और एनपीएस कर्मचारी संघ ने अपना पक्ष रखा। अब डीसी मंडी की अध्यक्षता में एक कमेटी की गई है। यह कमेटी पेंशन से संबंधित आंकड़ों व इसे देने की हालत में आने वाले खर्चाें की जल्द रिपोर्ट देगी। खर्चा कितना आएगा, अभी इसका आकलन नहीं किया है।
-घनश्याम शर्मा, उपाध्यक्ष, कर्मचारी कल्याण बोर्ड।
महासंघ चाहता है कि कोई न कोई हल निकले। अब एक और बैठक होगी। दोनों पक्षों ने प्रस्तुति दी है। मुख्य सचिव अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेंगे। सरकार कर्मचारी हितैषी है।
-अश्वनी ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ।
पुरानी पेंशन बहाल हुई तो सरकार को घाटा नहीं लाभ होगा। पूरा आंकड़ा बैठक में रखा है। 13 अगस्त का विधानसभा घेराव तो होगा ही, अगर मुख्यमंत्री कोई घोषणा करते हैं तो वे इसे आभार रैली के रूप में मनाएंगे।
-प्रदीप ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष, एनपीएस कर्मचारी संघ