अब भूकंप की मिल सकेगी पूर्व सूचना, आइआइटी रुड़की की मदद से होगा संभव; हिमाचल को ज्यादा खतरा
Earthquake Prior information भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की की मदद से हिमाचल में भूकंप की पूर्व सूचना प्राप्त करने के लिए नई प्रणाली स्थापित होगी।
शिमला, जेएनएन। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की की मदद से हिमाचल में भूकंप की पूर्व सूचना प्राप्त करने के लिए नई प्रणाली स्थापित होगी। इस संबंध में रुड़की के भू-विज्ञान विभाग के एक सहायक प्रोफेसर ने राज्य सरकार को प्रस्ताव सौंपा है। आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य कार्यकारी समिति (एसईसी) की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई। प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने इस प्रस्ताव के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी। बैठक में कहा गया कि हिमाचल को भूकंप से सर्वाधिक खतरा है।
हाल ही में राज्य में रिक्टर पैमाने पर 4.0 और इससे अधिक क्षमता वाले 80 बार भूकंप के झटकों का सामना करना पड़ा है। बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव अनिल खाची ने की। मुख्य सचिव ने उपायुक्तों, आइआइटी रुड़की और मंडी के प्रोफेसरों के साथ भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का खतरा कम होने के बाद मॉकड्रिल और अभ्यास किए जाने चाहिए। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक एवं विशेष सचिव डीसी राणा ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। बैठक में कई आला अधिकारी मौजूद रहे।
कहां तैनात होगा बल
प्रदेश सरकार ने इस वर्ष जनवरी में हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के गठन कि अधिसूचना की थी। प्रदेश मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि इस बल के गठन होने तक प्रदेश पुलिस की एक कंपनी शिमला, मंडी और धर्मशाला में स्थापित की जाएगी। पुलिस विभाग ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के लिए पांच करोड़ रुपये स्वीकृत किए है।
कितनी होगी खरीद
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि पुलिस विभाग को दूरदराज क्षेत्रों और पुलिस बल के लिए वी-सेट खरीदने के लिए राशि प्रदान की गई है। पुलिस विभाग को 75 स्थलों पर 37 आई-सेट और वी-सेट खरीदने के लिए भी राशि प्रदान की गई है। उपायुक्त किन्नौर ने जनजातीय विकास निधि के अंतर्गत आइआइ-एसएटी खरीदे हैं।