Move to Jagran APP

ऊना में बायो मेडिकल वेस्ट न देने वालों को जारी होंगे नोटिस

ऊना जिले में बायो मेडिकल वेस्ट को नष्ट करने में सहयोग न करने वाले करीब 35 मेडिकल संस्थान संचालक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रडार पर हैैं। ये संस्थान नियमों को ताक पर रखकर अपने यहां का बायो मेडिकल वेस्ट इसे उठाने वाली कंपनी के सुपुर्द नहीं कर रहे हैैं।

By Virender KumarEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 11:30 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 11:30 PM (IST)
ऊना में बायो मेडिकल वेस्ट न देने वालों को जारी होंगे नोटिस
ऊना में बायो मेडिकल वेस्ट न देने वालों को नोटिस जारी होंगे। जागरण आर्काइव

ऊना, सुरेश बसन।

loksabha election banner

ऊना जिले में बायो मेडिकल वेस्ट को नष्ट करने में सहयोग न करने वाले करीब 35 मेडिकल संस्थान संचालक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रडार पर हैैं। ये संस्थान नियमों को ताक पर रखकर अपने यहां का बायो मेडिकल वेस्ट इसे उठाने वाली कंपनी के सुपुर्द नहीं कर रहे हैैं। इन संचालकों में कोई मेडिकल क्लीनिक, डेंटल क्लीनिक, रक्त जांच लैब आदि शामिल हैं, जिन्हें आगामी दिनों में बोर्ड नोटिस जारी कर सकता है। इससे पूर्व भी कई लोगों को नोटिस जारी किए गए थे, जिनमें से कई ने जिला ऊना के ईसपुर पंडोगा स्थित स्थापित बायो मेडिकल वेस्ट को ठिकाने लगाने वाली एनवायरो इंजीनियर्स से अनुबंध कर लिया है, लेकिन अभी भी करीब 35 मेडिकल संस्थान संचालक अपना बायो वेस्ट कंपनी के सुपुर्द नहीं कर रहे हैं, जिसके पीछे तरह तरह के तर्क देकर पिछले दो माह से आनाकनी की जा रही है, जिन पर अब विभागीय कार्रवाई की गाज करीब करीब गिरने वाली है। नियमों को न मानने पर इनके लाइसेंस तक रद हो सकते हैं।

क्या है बायो मेडिकल वेस्ट

जिले में स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित सरकारी स्तर पर क्षेत्रीय अस्पताल ऊना, सिविल अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी आदि स्वास्थ्य केंद्र या लैब हैं। वहीं निजी स्तर पर आपताल, मेडिकल क्लीनिक, रक्त जांच लैब आदि 150 के करीब छोटे बड़े स्वास्थ्य संस्थान हैं। यहां से बायो मेडिकल वेस्ट यानि सिङ्क्षरज, रूईं, पट्टियां, शीशियां, पाइप्स आदि जो मरीजों के लिए प्रयुक्त किए जाने वाला साधान है। कायदे से बायो मेडिकल वेस्ट में देना अनिवार्य होता है, क्योंकि जिला में सरकारी स्तर पर यह नहीं है इसलिए निजी स्तर पर संचालित कंपनियों में इसे देना पड़ता है। वर्तमान में जिला ऊना के हरोली स्थित पंडोगा में करीब तीन करोड़ की लागत से लगाए गए बायो वेस्ट प्लांट में इस प्रकार के वेस्ट को जलाया जाता है, जबकि यहां न जलने वाले बचे सामान को आगे नालागढ़ कंपनी को दिया जाता है।

बायो मेडिकल वेस्ट को लेकर जिला में क्या है पेच

जिले में इस वर्ष जून माह से पूर्व पठानकोट और कांगड़ा की कंपनियां बायो वेस्ट को विभिन्न संचालकों से उठाकर लेकर जाती थीं। यहां पर उन्होंने बायो वेस्ट देने के लिए तय रेट और अमानत राशि अदा की हुई थी। अब जिला में पंडोगा स्थित एनवायरो इंजीनियर्स से जिलेभर में बायो मेडिकल वेस्ट उठाने का अनुबंध हुआ है, जिसके साथ 150 संस्थानों में से 35 के करीब मेडिकल संस्थान या तो रेट ज्यादा होना बताकर बायो वेस्ट देने से मना कर रहे हैं या फिर पूर्व कांगड़ा की कंपनी में अपनी अमानत राशि के फंसे होने का हवाला देकर आनाकानी कर रहे हैं।

इस प्रकार है वर्तमान रेट

एनवायरो इंजीनियर्स पंडोगा के सीओ हेतराम ठाकुर ने बताया कि ऊना लोकल में क्षेत्रीय अस्पताल या अन्य अस्पताल में 7.15 पैसे प्रति बेड इसके बाहर दूरदराज में 10 रुपये चार्ज करती हैं। काल बेसिस संस्थान भी है, यहां रेट निर्धारित नहीं है। इसके अलावा क्लीनिक, लैब आदि में एक हजार रुपये प्रति माह तथा क्यूआर एवं बार कोड का प्रति माह दो सौ रुपये अलग से लिया जाता है। वेस्ट को 48 घंटे के भीतर उठाना पड़ता है। प्रक्रिया पूरी आनलाइन है। दो गाडिय़ों के माध्यम से कूड़ा उठाया जा रहा है।

जिला ऊना में बायो मेडिकल वेस्ट को लेकर सभी मेडिकल यूनिट पंडोगा की कंपनी से अनुबंध करें, जिन्होंने अनुबंध नहीं किया है उनकी लिस्ट आइ है, इन्हें नोटिस जारी किए जा रहे हैैं। आगामी दिनों में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। न मानने पर लाइसेंस भी रद किए जा सकते हैं।

-डा. टीबी ङ्क्षसह, चीफ इंजीनियर, पाल्युशन कंट्रोल बोर्ड, परवाणू


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.