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विश्‍व की दूसरी बेहतरीन पैराग्‍लाइडिंग साइट में मानव परिंदों से खेल, खतरनाक साबित हो सकती हैं हवा में कलाबाजी

Paragliding site Biling पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व विख्यात बीड़ बिलिंलग में मानव परिंदों से खेल हो रहा है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 09:16 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 03:53 PM (IST)
विश्‍व की दूसरी बेहतरीन पैराग्‍लाइडिंग साइट में मानव परिंदों से खेल, खतरनाक साबित हो सकती हैं हवा में कलाबाजी
विश्‍व की दूसरी बेहतरीन पैराग्‍लाइडिंग साइट में मानव परिंदों से खेल, खतरनाक साबित हो सकती हैं हवा में कलाबाजी

बैजनाथ, मुनीश सूद। पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व विख्यात बीड़ बिलिंलग में मानव परिंदों से खेल हो रहा है। यहां रोजाना कितने पैराग्लाइडर पायलट उड़ान भरते हैं, इसकी जानकारी पर्यटन विभाग को ही नहीं है। हालांकि पैराग्लाइडिंग के दम पर क्षेत्र का कारोबार चलता है। साथ ही विश्व स्तर के आयोजन यहां होते हैं। दूसरी ओर इस व्यवसाय से जुड़े युवाओं के अनुसार, पर्यटन सीजन के दौरान एक पैराग्लाइडर पायलट चार से पांच उड़ानें आसानी से भरता है।

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एक उड़ान के लिए पर्यटकों से दो से अढ़ाई हजार रुपये वसूलते हैं। जिस एजेंसी के माध्यम से उड़ानें भरी जाती हैं वह ही सारी मलाई निकाल लेती है और उन्हें मासिक आधार पर वेतन प्रदान करती है। इस दौरान हादसे भी होते हैं और इनका शिकार हुए युवा महीनों तक बिस्तर से नहीं उठ पाते हैं। ऐसे ही एक युवा ने बताया कि वह मासिक वेतन पर पैराग्लाइडिंग पायलट के तौर पर उड़ान भरता था। एक उड़ान के दौरान वह चोटिल हुआ और इसके बाद उसने यह काम बंद कर दिया है।

विश्व की दूसरी सर्वश्रेष्ठ साइट है बीड़-बिलिंग

विश्व की दूसरी सर्वश्रेष्ठ पैराग्लाइडिंग साइट बीड़-बिलिंग में है। यहां काफी संख्या में विदेशी पैराग्लाइडर पायलट हर वर्ष पहुंचते हैं। 1980 में बिलिंग घाटी को विश्व पटल पर सामने लाने का कार्य स्वर्गीय पंडित संतराम शर्मा ने किया था। उन्होंने यहां हैंगग्लाइडिंग का आयोजन करवाया था। इसके बाद यह क्षेत्र विश्व स्तर पर ऐसे उभरा कि अब यह पैराग्लाइडिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ साइटों में शुमार है। यहां वल्र्ड कप, प्री वल्र्ड कप और एक्यूरेसी कप सहित अन्य आयोजन हो चुके हैं।

टेंडम फ्लाइट में कम होता है दुर्घटना का खतरा

टेंडम फ्लाइट के दौरान दुर्घटना का खतरा कम होता है पर बाहरी पायलट जिन्हें यहां की भौगोलिक परिस्थितियों की जानकारी नहीं होती है, वे हादसों का शिकार हो जाते हैं। ऐसा ही चर्चित हादसा जुलाई 2019 में सिंगापुर के पायलट ली वांग चुक के साथ हुआ था। आज तक उसका पता नहीं चल सका है। वन्य क्षेत्र में एक पेड़ से उसका पैराग्लाइडर लटका हुआ मिला था। इसके अतिरिक्त कई पायलट चोटिल हो चुके हैं व कुछेक ने जान भी गंवाई है। पैराग्लाइडिंग के जब अंतरराष्ट्रीय आयोजन होते हैं तो यहां एंबुलेंस और पुलिस की सुरक्षा होती है पर पर्यटन सीजन व आम दिनों में यहां सुरक्षा नहीं होती है।

तीन माह उड़ान पर होता है प्रतिबंध

वर्ष में तीन माह यहां उड़ान पर प्रतिबंध होता है। 15 जून से 15 सितंबर तक यहां प्रशासन पैराग्लाइडिंग पर प्रतिबंध लगा देता है। साथ ही प्रशासन ने उड़ान भरने का समय भी निश्चित कर रखा है। सूर्योदय और सूर्यास्त से पहले ही उड़ान भरने की मंजूरी प्रशासन देता है। इस कार्य की निगरानी के लिए साडा ने एक सुपरवाइजर की नियुक्ति की है।

क्‍या कहते हैं अधिकारी और एसोसिएशन के प्रतिनिधि

  • दिन में कितने पायलट उड़ानें भरते हैं और कितने पायलटों के पास लाइसेंस हैं, यह देखना पर्यटन विभाग का काम है। -छवि नांटा, एसडीएम बैजनाथ।
  • पर्यटन विभाग और पर्वतारोहण संस्थान मनाली पायलटों के उपकरणों का निरीक्षण साल में दो बार करता है। नए ग्लाइडर को एक साल की मंजूरी दी जाती है, जबकि पुराने को छह महीने की। पायलटों की उड़ानों का कोई भी हिसाब विभाग के पास नहीं होता है। आकस्मिक चेकिंग विभाग की ओर से की जाती है। -सुनयना शर्मा, उपनिदेशक पर्यटन विभाग।
  • बीड़ में वर्तमान में 25 एजेंसियां पैराग्लाइडिंग करवा रही हैं। 250 के करीब पायलट पर्यटन विभाग से पंजीकृत हैं। दिन में कितनी उड़ानें यहां से भरी जाती हैं, इसकी जानकारी नहीं है। -राज अबरोल, अध्यक्ष, बीड़-बिलिंग एडवेंचर पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन

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