कैलाश सत्यार्थी ने अपनी पुस्तक के लिए दलाईलामा से लिए अहम सुझाव
Kailash Satyarthi meet with Dharmaguru Dalailama नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने मंगलवार को दलाईलामा से मुलाकात की।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। करीब 80 हजार से अधिक मासूमों के जीवन को तबाह होने से बचा चुके नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने मंगलवार को भी धर्मगुरु दलाईलामा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अपनी पुस्तक के लिए तिब्बती धर्मगुरु से अहम सुझाव लिए। कैलाश सत्यार्थी सोमवार को मैक्लोडगंज पहुंचे हैं। सोमवार की मुलाकात में उन्होंने धर्मगुरु दलाईलामा का हालचाल पूछा था। दया भाव को लेकर सत्यार्थी पुस्तक लिख रहे हैं और इसका प्रारंभिक तौर पर नाम करुणा रखा है, लेकिन अभी तक अंतिम नाम तय नहीं हुआ है। हालांकि उन्होंने पुस्तक के बारे में कुछ भी नहीं कहा। वह 29 मई तक मैक्लोडगंज में रहेंगे और पुस्तक के संबंध में दलाईलामा से चर्चा करेंगे।
लंबे समय तक हुई चर्चा में दोनों हस्तियों ने मानव जीवन में दया भाव पर चर्चा की। मंथन किया कि विश्व में दया भाव कैसे फैलाया जा सकता है और किस तरह लोगों के जहन में इसे बिठाया जाए ताकि विश्व में शांति कायम रहे। इसके बाद सत्यार्थी नड्डी स्थित तिब्बतियन चिल्ड्रन विलेज (टीसीवी) गए और समुदाय के बच्चों से बातचीत की थी।
बकौल सत्यार्थी, इस समय लोगों का आपस में संपर्क कम हो गया है और जिम्मेदारियों से दूर भाग रहे हैं। नैतिकता खत्म हो रही है, इसे कैसे दूर किया जा सकता है और इसके लिए क्या करना चाहिए, इस संबंध में चर्चा हुई है।
कौन हैं कैलाश सत्यार्थी
मध्यप्रदेश के विदिशा में जन्मे कैलाश सत्यार्थी पेशे से इंजीनियर हैं, लेकिन 26 वर्ष की आयु में ही नौकरी छोड़कर बच्चों के लिए काम करना शुरू किया। 1980 में बचपन बचाओ आंदोलन शुरू किया था। यह देश के भीतर क्रांतिकारी आंदोलन है और इसके तहत बच्चों के हित और अधिकारों के लिए कार्य किया जाता है। इसके लिए उन्हें वर्ष 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है।
ये मिले हैं सम्मान
- 2015 : हार्वर्ड विश्वविद्यालय से ह्युमेनीटेरियन पुरस्कार। यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले कैलाश सत्यार्थी पहले भारतीय हैं।
- 2014 : नोबेल शांति पुरस्कार।
- 2009 : डिफेंडर्स ऑफ डेमोक्रेसी पुरस्कार (अमेरिका)
- 2008 : अल्फांसो कोमिन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार (स्पेन)
- 2007 : इटली के सीनेट का स्वर्ण पदक।
- 2007 : अमेरिका के स्टेट विभाग की ओर से 'आधुनिक दासता को समाप्त करने के लिए कार्यरत नायक' का सम्मान दिया गया है।
- 2006 : फ्रीडम पुरस्कार (अमेरिका)
- 1998 : गोल्डन फ्लैग पुरस्कार (नीदरलैंड)
- 1995 : रॉबर्ट एफ केनेडी मानव अधिकार पुरस्कार (अमेरिका)
- 1995 : ट्रंपेटर पुरस्कार (अमेरिका)
- 1993 : अशोक फेलो चुने गए। (अमेरिका)
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