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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति हुई लागू, नहीं भरे गए कला के 1717 और शारीरिक शिक्षकों के 1881 खाली पद

सत्र 2021 में नई शिक्षा नीति लागू होने के बावजूद भी हिमाचल प्रदेश के बेरोजगार कला और शारीरिक शिक्षक रोजगार को तरस गए हैं। 6 मार्च 2021 को प्रदेश के नए बजट में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिक्षा विभाग में 4000 पद भरने की अनुमति प्रदान की है।

By Richa RanaEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 12:59 PM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 01:00 PM (IST)
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति हुई लागू, नहीं भरे गए कला के 1717 और शारीरिक शिक्षकों के 1881 खाली पद
नई शिक्षा नीति लागू होने के बावजूद प्रदेश के बेरोजगार कला और शारीरिक शिक्षक रोजगार को तरस गए हैं।

कांगड़ा, बिमल बस्सी। सत्र 2021 में नई शिक्षा नीति लागू होने के बावजूद भी हिमाचल प्रदेश के बेरोजगार कला और शारीरिक शिक्षक रोजगार को तरस गए हैं। 6 मार्च 2021 को पेश प्रदेश के नए बजट में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिक्षा विभाग में 4000 पद भरने की अनुमति प्रदान की है। लेकिन 4 साल से सरकारी स्कूलों में शारीरिक शिक्षक व कला अध्यापक की एक भी नियुक्ति नहीं हो पाई। जिससे प्रदेश में हजारों की तादाद में नौकरी की आस लगाये बैठे बेरोजगार शिक्षकों में गहरा रोष व्याप्‍त है।

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क्या है नई शिक्षा नीति

भारत की नई शिक्षा नीति 2020 को 29 जुलाई 2020 को घोषित किया गया था। 1968 और 1986 में जारी नई शिक्षा नीति के बाद देश की शिक्षा नीति में यह पहला परिवर्तन है.नई शिक्षा नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि  स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर सभी छात्रों को प्रेरित, उच्च योग्य, व्यवसायिक रूप से प्रशिक्षित और अच्छी तरह से सुसज्जित शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जा सके।

नई शिक्षा नीति के अनुसार निजी स्कूलों और सरकारी स्कूलों के नियम एक जैसे होंगे. इसके अलावा फीस पर भी अंकुश लगेगा. अब 3 से 18 वर्ष के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून 2009 के अंदर लाया जाएगा.जिसके तहत बच्चो को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है.

बोले संदीप घई नई शिक्षा नीति का स्वागत

 नई शिक्षा नीति का स्वागत करते हुए बेरोजगार शारीरिक शिक्षक और कला अध्यापक के प्रदेशाध्यक्ष संदीप घई तथा मुकेश भारद्वाज का कहना है कि नई शिक्षा नीति में बच्चो के मानसिक एवं शारीरिक विकास के चलते खेलकूद व कला को महत्व दिया गया है। बच्चों के मनोविज्ञान को स्वस्थ रखना शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति से ही संभव हो पाएगी। प्रदेश के स्कूलों में कला अध्यपको के 1717 और शारीरिक शिक्षको के 1881 पद रिक्त पड़े हैं। बेरोजगार शारीरिक शिक्षक व कला अध्यापक सरकार द्वारा सत्र 2005 से 2009 तक एससीवीटी के माध्यम से तथा उससे पहले किसी अन्य राज्य से शारीरिक शिक्षक तथा कला का प्रशिक्षण लेकर अपनी नियुक्तियों के लिए सरकार से बार-बार गुहार लगा रहे हैं। लेकिन उन्हें हर बार झूठे आश्वासन देकर  टाल दिया जाता रहा है।

प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि अभी हाल ही में शिक्षा विभाग ने 500-500 शारीरिक शिक्षकों और कला अध्यापकों के पदों को मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के अधीन वित्त विभाग के पास भेजा था। लेकिन नियुक्तियों को लेकर असमंजस बरकरार है। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि प्रदेश की भौगोलिक एवं दुर्गम क्षेत्रो की परिस्थितियों के मद्देनजर बेरोजगार शारीरिक व कला शिक्षकों को नियुक्तियां करके उनके परिवारों को राहत प्रदान करें। अन्यथा बेरोजगार शिक्षक अपने डिप्लोमा सरकार को सौंपने को मजबूर हो जाएंगे।


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