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नई शिक्षा नीति: हिमाचल में 10वीं और 12वीं कक्षा की साल में दो बार होगी परीक्षा, जानिए और क्‍या बदलेगा

New Education Policy हिमाचल में नई शिक्षा नीति को शैक्षणिक सत्र 2021-22 से लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 05:12 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 08:57 AM (IST)
नई शिक्षा नीति: हिमाचल में 10वीं और 12वीं कक्षा की साल में दो बार होगी परीक्षा, जानिए और क्‍या बदलेगा
नई शिक्षा नीति: हिमाचल में 10वीं और 12वीं कक्षा की साल में दो बार होगी परीक्षा, जानिए और क्‍या बदलेगा

शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल में नई शिक्षा नीति को शैक्षणिक सत्र 2021-22 से लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को सचिव शिक्षा राजीव शर्मा ने इस संबंध में समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए), उच्चतर व प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को पाठ्यक्रम बदलाव से लेकर आरएंडपी नियमों को बदलने के निर्देश जारी कर दिए हैं। नई नीति के तहत 11वीं से स्नातक स्तर तक संकाय सिस्टम खत्म हो जाएगा। साइंस, काॅमर्स और आर्टस संकाय नहीं होगा। छात्रों को विज्ञान, गणित, आईटी और वोकेशनल विषयों को पढऩा अनिवार्य होगा। आईटी और वोकेशनल विषय छठी कक्षा से शुरू हो जाएंगे, जबकि संस्कृत विषय तीसरी कक्षा से पढ़ाया जाएगा।

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ग्रेजुएशन में बीएस, बीएससी और बीकॉम की डिग्री का कांसेप्ट खत्म कर दोबारा रूसा की तर्ज पर क्रेडिट स्कोर सिस्टम लागू होगा। चार साल की डिग्री की ऑप्शन छात्रों के पास होगी। जो चार साल की इंडिग्रेटेड डिग्री करेगा उसके लिए पीजी केवल 1 वर्ष की ही होगी। एमफिल को खत्म कर दिया गया है, जबकि पीएचडी के लिए पूरे देश में एक ही टेस्ट होगा। राइट टू एजुकेशन एक्ट (आरटीई) कक्षा 3 से 14 साल तक के बच्चों पर लागू होगा। शिक्षकों के तबादले भी ऑनलाइन करना नई नीति में  अनिवार्य होगा।

45 मिनट की प्रेजेंटेशन

सचिव शिक्षा राजीव शर्मा ने बीते रोज मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर अपनी प्रेजेंटेशन दी। 24 स्लाइड की यह प्रेजेंटेशन 45 मिनट तक चली। नई नीति को कैसे लागू करना है इसके बारे में बताया गया, मंत्रियों की जो शंकाए थीं, उसका भी जवाब दिया गया।

दसवीं और 12वीं में जेईई की तर्ज पर दो बार होगी बोर्ड परीक्षा

नई नीति के तहत प्रदेश में भी दसवीं और 12वीं कक्षा में दो बार बोर्ड की परीक्षा होगी। जेईई की तर्ज पर छात्र दूसरी अपर अपने अंकों और डिविजन में सुधार कर सकेंगे। इससे छात्रों पर परीक्षा को लेकर तनाव खत्म होगा। अन्य कक्षाओं में 3, 5वीं और 8वीं के ही पेपर होंगे। यह पेपर स्कूल शिक्षा बोर्ड, एसएसए या फिर शिक्षा विभाग अपने स्तर पर करवा सकता है। कक्षा नवीं से 12वीं तक एक ही सब्जेक्ट ग्रुप बनेगा।  

स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी बनेगी

हिमाचल में सरकारी और निजी स्कूलों पर निगरानी रखने के लिए स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी बनेगी। स्कूल खुलने के क्या नियम होने चाहिए, प्रदेश में जो स्कूल खुलें हैं वह नियमों को पूरा करते हैं या नहीं, फीस स्ट्रक्चर क्या है, स्कूल खुलने के मानक क्या होने चाहिए इन सभी चीजों को यह अथॉर्टी देखेगी। अथॉरिटी में चेयरमैन सहित पूरा स्टाफ होगा।

प्रधानाचार्य अपने स्तर पर कर सकेंगे शिक्षकों की एडजेस्टमेंट

नई पॉलिसी के तहत स्कूल कांपलैक्स का पैटर्न लागू होगा। कलस्टर विवि की तर्ज पर यह स्कूल कॉम्पलेक्स बनेगा। 5 से 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी प्राइमरी, माध्यमिक, उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं इसके अधीन आएंगी। स्कूल प्रधानाचार्य इनकी मॉनीटरिंग करेगा। इन स्कूलों में स्टाफ कम है तो प्रधानाचार्य वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए दूसरे स्कूल के शिक्षक की 3-3 दिनों के लिए ड्यूटी लगा सकेगा। किसी स्कूल के पास खेल मैदान या हाल नहीं है तो दूसरे स्कूल में इसकी व्यवस्था करवाई जा सकती है। स्कूलों को शाम के समय लाइब्रेरी के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

नई शिक्षा नीति को लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद एसएसए, प्रारंभिक शिक्षा विभाग और उच्चतर शिक्षा विभाग को आरएंडपी नियम बदलने और पाठ्यक्रम में बदलाव करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। -राजीव शर्मा, सचिव शिक्षा।


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