विश्वविख्यात भजन गायक नरेंद्र चंचल की मां चिंतपूर्णी के प्रति थी अगाध श्रद्धा
विश्वविख्यात भजन गायक नरेंद्र चंचल की मां ङ्क्षचतपूर्णी के प्रति अगाध आस्था व श्रद्धा थी। जब भी उन्हें मौका मिलता वह मां ङ्क्षचतपूर्णी के दर जरूर पहुंचते। तीन बार तो चंचल ने मां वैष्णो देवी क्लब जगराओं द्वारा आयोजित वार्षिक जागरण में प्रस्तुति दी
नीरज पराशर, चिंतपूर्णी : विश्वविख्यात भजन गायक नरेंद्र चंचल की मां ङ्क्षचतपूर्णी के प्रति अगाध आस्था व श्रद्धा थी। जब भी उन्हें मौका मिलता वह मां ङ्क्षचतपूर्णी के दर जरूर पहुंचते। तीन बार तो चंचल ने मां वैष्णो देवी क्लब, जगराओं द्वारा आयोजित वार्षिक जागरण में प्रस्तुति दी, जिस पर हजारों दर्शक उनकी भेंटों पर मंत्रमुग्ध हुए थे। वर्ष 2015 को छोड़ दिया जाए तो पिछले छह वर्ष में प्रसिद्ध भजन गायक यहां पांच बार पहुंचे।
मां ङ्क्षचतपूर्णी के मंदिर में वर्षों से चंचल हाजिरी भरते रहे हैं। जब वह गायकी में आसमान छू रहे थे तो उससे पहले ही मां के दर जरूर नतमस्तक होना आते थे। पुजारी बारीदार सभा के अध्यक्ष रविन्द्र कालिया बताते हैं कि चंचल मां के चरणों में शीश नवाकर खुद को धन्य मानते थे और कहते थे कि आज तक जो कुछ भी जीवन में मिला है, वह मां ङ्क्षचतपूर्णी की कृपा से ही है। जिस वर्ष वह किसी धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत नहीं करते थे तो भी वह विशेष रूप से ङ्क्षचतपूर्णी आते थे। ङ्क्षचतपूर्णी में आयोजित हुए सभी जागरण में हजारों की संख्या में दर्शक उन्हें सुनना पहुंचते थे। बुलाया लक्ख बार तेरी मूर्ति नहीं बोलदी, माता रानी फल देगी, आज नहीं तो कल देगी और मैं तेरे बिन नीं रह सकदा, मां मैनूं तेरी आदत पै गई जैसे लोकप्रिय भजनों पर दर्शक झूमने का मजबूर हो जाते थे। मां वैष्णो देवी क्लब, जगराओं के वरिष्ठ सदस्य सुनील कुमार बताते हैं कि जब भी चंचल को ङ्क्षचतपूर्णी में जागरण के लिए क्लब द्वारा बुलाया जाता था तो वह इन्कार नहीं करते थे। जागरण में उपस्थिति दर्ज करवाने से पहले वह मां ङ्क्षचतपूर्णी में माथा टेकते थे।