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भूस्खलन से नाहन शिमला हाईवे बंद, लंबी कतारों में फंसे वाहन

नाहन शिमला नेशनल हाईवे पर नैना टिककर के समीप साधना घाट भारी भूस्खलन के कारण बंद हो गया है।

By BabitaEdited By: Published: Thu, 16 Aug 2018 10:14 AM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 10:14 AM (IST)
भूस्खलन से नाहन शिमला हाईवे बंद, लंबी कतारों में फंसे वाहन
भूस्खलन से नाहन शिमला हाईवे बंद, लंबी कतारों में फंसे वाहन

नाहन, जेएनएन। नाहन शिमला नेशनल हाईवे आधे घंटे पहले भारी भूस्खलन के कारण नैना टिककर के समीप साधना घाट में बंद हो गया है। दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई हैं।

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गौरतलब है कि हिमाचल में भारी बारिश के बाद आसमान से आफत बेशक थम गई हो लेकिन लोगों की दिक्कतें कम नहीं हुई हैं। प्रदेश में मंगलवार को 495 सड़कें बंद रहीं। इन सड़कों पर यातायात बहाल करने के लिए सैकड़ों मशीनें लगाई गई। वहीं, कांगड़ा व मंडी जिलों में एक बच्चे समेत तीन लोग बह गए। कांगड़ा जिले के नूरपुर उपमंडल की पंदरेहड़ पंचायत के ठाणा गांव में पांच वर्षीय बच्चा मोहित मंगलवार सुबह करीब साढ़े छह बजे घर के आंगन में छाते से खेल रहा था। पांव फिसलने से वह घर के साथ लगते नाले में गिर गया लेकिन परिजनों को इसका पता नहीं चला। बाद में परिजनों को मोहित दिखाई नहीं दिया तो उन्होंने व ग्रामीणों ने उसकी तलाश शुरू की।

घर से करीब 500 मीटर दूर जबर खड्ड में छाता दिखाई दिया। वहां छाते के साथ मोहित फंसा था। जब मासूम को बाहर निकाला तो उसकी मौत हो गई थी। उधर, मंडी जिला के बल्ह हल्के के बाल्ट में खड्ड में डूबने से युवक की मौत हो गई। देवेंद्र कुमार (20) अपने दोस्तों के साथ खड्ड में नहाने गया था जहां यह हादसा हो गया। एक घंटे बाद उसका शव बरामद हुआ। मंडी जिले की निहरी तहसील में नाले में बाढ़ आने से वृद्ध लक्ष्मण राम (65) बह गए। वह खेतों में काम करने गए थे कि नाले के पानी का बहाव खेतों की तरफ हो गया। उनका कोई सुराग नहीं लगा है। सोमवार को सोलन में बहे दो बच्चों व मंडी के पंडोह डैम में डूबे जीप चालक का सुराग नहीं लग पाया है।

 धीमी रहेगी मानसून की रफ्तार

मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 18 अगस्त तक मानसून की रफ्तार धीमी रहने का अनुमान है। हालांकि प्रदेश के मैदानी मध्य पर्वतीय व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना है। मंडी में सबसे अधिक बारिश प्रदेश में मंगलवार को अधिकतर स्थानों पर मौसम साफ रहा। पिछले 24 घंटों के दौरान मंडी में सबसे अधिक 127 मिलीमीटर बारिश हुई। प्रदेश में 47 वर्षो के बाद अगस्त में सबसे अधिक बारिश हुई। सात अगस्त 1971 को प्रदेश में 155.6 मिलीमीटर बारिश हुई थी। वहीं, गत 13 अगस्त को मंडी में 172.6 मिलीमीटर बारिश हुई। 


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