हिमाचल के राशन डिपो में तेल की खपत हो गई कम, सभी श्रेणी के लोगों ने कम कर दी खरीद, जानिए वजह
Himachal Ration Depot हिमाचल के राशन डिपो में दो माह से तेल महंगा होने के कारण इसकी खपत कम हो गई है। साथ ही आयकर दाता व एपीएल यानी गरीबी रेखा से उपर के लोग सरसों तेल की अपेक्षा रिफाइंड अधिक खरीद रहे हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Ration Depot, हिमाचल के राशन डिपो में दो माह से तेल महंगा होने के कारण इसकी खपत कम हो गई है। साथ ही आयकर दाता व एपीएल यानी गरीबी रेखा से उपर के लोग सरसों तेल की अपेक्षा रिफाइंड अधिक खरीद रहे हैं। जो रिफाइंड इस्तेमाल नहीं करते वे बाजार से सरसों तेल खरीद रहे हैं। डिपो और बाजार में करीब करीब बराबर ही दम हैं। उधर गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोग भी कम मात्रा में ही तेल खरीद रहे हैं। जुलाई में करीब 32 लाख लीटर तेल का स्टाक उपलब्ध करवाया गया, जिसमें से 26 लाख लीटर सरसों तेल और छह लाख लीटर रिफाइंड था। रिफाइंड की खपत अधिक रही, जबकि सरसों के तेल का स्टाक अब भी बचा हुआ है।
अगस्त के लिए 18.50 लाख से अधिक राशन कार्ड धारकों को तेल उपलब्ध करवाने के लिए 31 लाख लीटर तेल का स्टाक उपलब्ध है। इसमें से 25 लाख लीटर सरसों तेल और छह लाख लीटर रिफाइंड है। अगस्त में तेल आवंटन के लिए स्टाक जारी होना शुरू हो चुका है।
डिपो और बाजार में दाम
- तेल, बीपीएल, एपीएल, आयकर, बाजार
- सरसों, 155, 158, 179, 170
- रिफाइंड, 104, 109, 124, 150
आगामी तीन माह के लिए दो अगस्त को खुलेंगे टेंडर
रिफाइंड के लिए खाद्य एवं आपूर्ति निगम तीन व छह माह के लिए निविदाएं दो अगस्त को खोलेगा। इनमें आने वाले दामों के आधार पर तीन व छह माह के लिए रिफाइंड की सप्लाई का जिम्मा सौंपा जाएगा।
केस स्टडी-1
शिमला जिला के मशोबरा निवासी रमेश ने बताया कि उनका परिवार बीपीएल श्रेणी में है। सरसों तेल के दो पैकेट मिलते हैं, लेकिन अब तेल के महंगे होने से एक पैकेट ले रहे हैं। हमेें सरसों तेल व रिफाइंड बाजार से सस्ता मिल रहा है, लेकिन फिर भी काफी महंगा है। कई बार तो रिफाइंड ही लेना पड़ता है, वह सरसों तेल से सस्ता है।
क्या कहते हैं मंत्री
खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा डिपो में तेल का पूरा स्टाक उपलब्ध है। राशन और तेल की कोई कमी नहीं है। तेल के दाम बाजार में महंगे होने के बावजूद अनुदान पर तेल उपलब्ध करवाया जा रहा है।