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कब्जे हटाने में 17 दिन में 17 लाख खर्च

राजेंद्र डोगरा धर्मशाला भागसूनाग स्थित नाले में अतिक्रमण हटाने के अब तक 17 दिन चले अभियान में

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 06:03 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 06:03 AM (IST)
कब्जे हटाने में 17 दिन में 17 लाख खर्च
कब्जे हटाने में 17 दिन में 17 लाख खर्च

राजेंद्र डोगरा, धर्मशाला

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भागसूनाग स्थित नाले में अतिक्रमण हटाने के अब तक 17 दिन चले अभियान में नगर निगम धर्मशाला के करीब 17 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। हालांकि ये राशि और बढ़ेगी। इसकी रिपोर्ट निगम पूर्णतया अभियान के संपन्न होने के बाद बनाएगा। यह धनराशि अतिक्रमणकारियों से बकायदा निगम प्रापर्टी टैक्स के साथ वसूलेगा।

हालांकि यहां दो से तीन अतिक्रमणकारियों ने स्वयं कब्जे हटाने की जिम्मेवारी ली है। अतिक्रमण हटाए जाने के बाद निकले मलबे की सफाई में भी नगर निगम को दो दिन का और समय लगेगा। इसके बाद नाले में हुए अतिक्रमण को तोड़े जाने के बाद यहां से निकले मक की सफाई हो पाएगी। अभी तक मौटे तौर पर नगर निगम के अधिकारियों की ओर से लगाए गए अनुमान के मुताबिक 17 लाख से ज्यादा की राशि खर्च हो चुकी है। 12 जुलाई को हुई बारिश के कारण नाले में अतिक्रमण के कारण पानी के बहाव ने रास्ता बदल लिया था और भागसूनाग में जलभराव से खासा नुकसान झेलना पड़ा था। इसके बाद नगर निगम ने हरकत में आते ही अतिक्रमण को हटाए जाने सहित नाले को खाली करने की दिशा में अभियान शुरू किया था।

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दो जेसीबी की थी हायर, छह कर्मी किए थे तैनात

अतिक्रमण को हटाने के लिए शुरू किए अभियान के 17 दिन में छह कर्मियों की तैनाती की गई थी। इसके अलावा यहां बकायदा एक जेई को भी तैनात किया था। साथ ही दो जेसीबी भी हायर की थी।

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कई दिन मौके पर मौजूद रहे महापौर

निगम के अभियान के दौरान महापौर ओंकार सिंह नैहरिया ने स्वयं मौके पर कमान संभाली थी, ताकि कोई विरोध हो तो समस्या का निपटारा किया जा सके। एक मामले में निगम को पुलिस का भी सहयोग लेना पड़ा था। आयुक्त ने भी समय-समय पर निरीक्षण किया।

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मैंने स्वयं भी अतिक्रमण को हटाए जाने के दौरान कमान संभाली थी। भविष्य में इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए लोग स्वयं नालों, कूहलों व निकास नालियों पर अतिक्रमण न करें।

-ओंकार सिंह नैहरिया, महापौर नगर निगम धर्मशाला। अतिक्रमण हटाने के लिए 17 दिन तक अभियान जारी रहा है। हालांकि दो से तीन अतिक्रमणकारियों ने स्वयं कब्जे हटाने की जिम्मेदारी ली है। अभी मलबे को उठाने में भी दो दिन का और समय लगेगा। इसके बाद खर्च की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अभी तक करीब 17 लाख रुपये खर्च आ चुका है।

-प्रदीप ठाकुर, आयुक्त नगर निगम धर्मशाला।


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