नगर निगम धर्मशाला में घूसकांड के बाद मेयर ने खुद की एनआेसी आवेदनों की समीक्षा, दी यह चेतावनी
घूस लेते धरे जेई मामले के बाद नगर निगम धर्मशाला ने कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने की दिशा में कदमों को आगे बढ़ाया है।
धर्मशाला, जेएनएन। घूस लेते धरे जेई मामले के बाद नगर निगम धर्मशाला ने कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने की दिशा में कदमों को आगे बढ़ाया है। इस बाबत बुधवार को महापौर देवेंद्र जग्गी की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनओसी के लिए आए आवेदनों की समीक्षा की गई। इस दौरान साफ हुआ कि 228 भवन निर्माण के नक्शों के आवेदन में से करीब 99 को मंजूरी दी जा चुकी है। इसमें आवासीय और व्यवसायिक दोनों तरह के नक्शों के आवेदन शामिल हैं। इसके अलावा 28 मामलों में साइट का निरीक्षण किया जा चुका है और जल्द स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। पेयजल के 172 आवेदनों में से 83, बिजली के 284 में से 158 जबकि सीवरेज के 48 में से 26 कनेक्शनों को स्वीकृति दी जा चुकी है। बैठक में महापौर ने हिदायत जारी की कि अगर शहर के बाङ्क्षशदों के कोई भी कार्य लटकाने का प्रयास अधिकारी या कर्मचारी करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों को शहर के बाशिंदों का कार्य प्राथमिकता पर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैठक हर 15 दिन के बाद होगी और इसके लिए अधिकारी व कर्मचारी तैयार रहें। पिछले माह हुई नगर निगम की बैठक में भवन निर्माण के नक्शों के आवेदनों समेत बिजली-पानी व सीवरेज सहित तमाम आवेदनों की समीक्षा बैठक हर 15 दिन में करने का निर्णय लिया था और इसके तहत ही बुधवार को पहली बैठक हुई है। देवेंद्र जग्गी ने बताया कि बैठक में भवन निर्माण नक्शों के आवेदनों के अलावा बिजली-पानी व सीवरेज से जुड़े आए आवेदनों की समीक्षा की गई है।