धर्मशाला शहर में दो अक्टूबर तक हर परिवार के पास होगा अपना शौचालय
शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए नगर निगम प्रयासरत है और डोर-टू-डोर भी कूड़ा एकत्र किया जा रहा है।
धर्मशाला, जेएनएन। शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए नगर निगम प्रयासरत है और डोर-टू-डोर भी कूड़ा एकत्र किया जा रहा है। भूमिगत कूड़ेदानों की मरम्मत करवा दी है और शहर के नागरिक भी इस दिशा में सहयोग देते हुए कूड़ेदानों में ही कूड़ा डालें या सफाई कर्मियों के सुपुर्द करें ताकि स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत का संकल्प साकार किया जा सके। सफाई व्यवस्था को और पुख्ता बनाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे, ताकि यदि कोई सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। शहर के हर परिवार के पास दो अक्टूबर तक अपना शौचालय होगा। इस दिशा में प्रयास जारी हैं। दैनिक जागरण के राजेंद्र डोगरा ने शहर की स्वच्छता को लेकर नगर निगम आयुक्त प्रदीप ठाकुर से बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश।
शहर की सफाई व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिए क्या किया जा रहा है?
शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्र करने के अभियान को बल दिया जा रहा है और उन स्थानों पर भी पहुंचना सुनिश्चित किया गया है जहां अभी तक सफाईकर्मी नहीं पहुंच पा रहे थे। इस दिशा में शहरियों का सहयोग भी आवश्यक है और उन्हें भी केवल कूड़ेदान या फिर सफाई कर्मियों के ही सुपुर्द करना चाहिए। जिन भूमिगत कूड़ेदानों की हालत खराब थी, उन्हें भी दुरुस्त करवा दिया है।
खुले में कूड़ा फेंकने वालों पर किस प्रकार कार्रवाई की जाएगी?
सार्वजनिक स्थानों पर जैसे कोतवाली बाजार के फव्वारा चौक, कचहरी अड्डा, मैक्लोडगंज, शहीद स्मारक समेत अन्य स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए आर्डर दे दिया है और जल्द ही कैमरे लगा दिए जाएंगे। इसके बाद यदि कोई सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकते पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना भी किया जाएगा।
शहर को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए क्या किया जा रहा है?
शहर के मर्ज क्षेत्र में कई परिवार ऐसे थे जिनके पास अपना शौचालय नहीं है। हालांकि वो सामुदायिक शौचालयों का इस्तेमाल करते थे। लेकिन दो अक्टूबर तक सभी परिवारों के पास अपना शौचालय होगा। शहर में करीब 360 परिवारों के शौचालय बनने हैं, जिनमें से 283 का काम पूरा हो चुका है। इसके लिए 12000 रुपये का लाभांश भी परिवार को दिया जा रहा है।
शहर के रैन बसेरा की क्या स्थिति है?
शहर में बने रैन बसेरा में मौजूदा समय में 10 बैड का प्रावधान है और जल्द ही 10 और बैड मुहैया करवा दिए जाएंगे, ताकि शहर में अपना काम करवाने के लिए आने वालों को कम मूल्य पर छत नसीब हो सके। जल्द ही इस दिशा में शुल्क भी नगर निगम की ओर से निर्धारित कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी की मौजूदा स्थिति क्या है?
इस योजना के तहत अलग-अलग प्रकार से गरीबों को आशियाना बनाने के लिए लाभ दिया जा रहा है। योजना के तहत 1.65 लाख रुपये के लाभांश का प्रावधान है, जिसमें शहर में रह रहे बीपीएल परिवारों के अलावा ऐसे परिवारों को भी लाभ दिया जा रहा है जो किरायेदार के रूप में यहां रह रहे हैं और उनके पास अपना मकान नहीं है। इसके अलावा उन लोगों को भी लाभांश का प्रावधान है जिनके पास जमीन नहीं है, उन्हें पहले जमीन और बाद में आवास निर्माण का भी प्रावधान किया जाएगा।
आइएचएसडीपी के तहत चरान में बने गरीबों के लिए भवन की क्या स्थिति है?
इंटेग्रेटेड हाउसिंग एंड स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम आइएचएसडीपी के तहत चरान में बन रहे गरीबों के भवन में करीब 5 ब्लॉक बनकर तैयार हो चुके हैं और दो का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। साढ़े 13 करोड़ रुपये से बन रहे इस भवन में अभी तक साढ़े 11 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जा चुकी है और जल्द ही गरीबों का चयन कर उन्हें आवास सुविधा मुहैया करवा दी जाएगी।
शहर में कितने नए पार्क बन रहे हैं?
करीब 15 पुराने पार्कों का जीर्णोद्धार किया जाएगा जबकि सात नए पार्क बनाए जा रहे हैं। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही अन्य औपचारिकताएं पूर्ण होते ही पार्कों का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।
आपकी तरफ से कोई संदेश?
स्वच्छ अभियान के तहत शहर के नागरिक नगर निगम का सहयोग दें और कूड़ा सार्वजनिक स्थानों में न फेंक कर कूड़ेदानों में डालें या फिर सफाईकर्मी को ही सौंपें।