प्रचार सामग्री पर मुद्रक और प्रकाशक का नाम जरूरी
लोकसभा निर्वाचन-2019 के दौरान छपने वाली प्रचार सामग्री के संदर्भ में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना के लिए स्थानीय मुद्रकों व प्रकाशकों के साथ बैठक आयोजित की गई । जिसकी अध्यक्षता सहायक निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम डॉ. सुरेंद्र ठाकुर ने की।
संवाद सहयोगी, नूरपुर : लोकसभा निर्वाचन-2019 के दौरान छपने वाली प्रचार सामग्री के संदर्भ में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना के लिए स्थानीय मुद्रकों व प्रकाशकों के साथ बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता सहायक निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम डॉ. सुरेंद्र ठाकुर ने की। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा स्थानीय स्तर पर पोस्टर, प्रचार हैंडबिल आदि का प्रकाशन करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान छपने वाली सभी प्रकार की प्रचार सामग्री पर मुद्रक तथा प्रकाशक का नाम अंकित करना जरूरी है। एसडीएम ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम,1951 की धारा 127 के अनुसरण में प्रत्येक मुद्रक व प्रकाशक का यह वैधानिक दायित्व है कि वे इस प्रकार के दस्तावेजों के मुद्रण के तीन दिन के भीतर मुद्रित सामग्री की चार प्रतियों सहित इसकी सूचना जिला दंडाधिकारी (उपायुक्त) या उनके कार्यालय को भेजना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने वाले ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। सहायक निर्वाचन अधिकारी ने कहा सभी राजनीतिक पार्टियों को आचार संहिता का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रचार सामग्री में ऐसी किसी भाषा का प्रयोग ना करें जो किसी व्यक्ति या समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाएं। इस बैठक में निर्वाचन कानूनगो संजय शर्मा सहित स्थानीय मुद्रक व प्रकाशक तथा उनके प्रतिनिधि भी शामिल रहे।