टांडा अस्पताल में एमआरआई मशीन दो दिन से खराब, मरीज परेशान
टांडा अस्पताल में एमआरआई न होने से मरीजों को परेशान होना पड़ा। दो दिनों से एमआरआई मशीन में तकनीकी खराबी अा गई है।
नीरज व्यास, कांगड़ा। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज अस्ताल टांडा में एमआरआई न होने से मरीजों को परेशान होना पड़ा। दो दिनों से एमआरआई मशीन में तकनीकी खराबी अा गई है, जिस कारण मरीजों को परेशानी हुई। मरीजों को एमआरआई के लिए दी गई तिथियों के चलते मरीज अस्पताल में पहुंचे रहे हैं। लेकिन एमआरआई मशीन के खराब होने के कारण टेस्ट न होने से मरीजों को काफी परेशान होना पड़ रहा है।
वीरवार को अस्पताल में एमआरआइ टेस्ट करवाने के लिए मरीज अस्पताल में पहुंचे थे। उन्हें अस्पताल में पहुंचने के बाद ही पता चला कि मशीन में तकनीकी खराबी के कारण टेस्ट नहीं हो रहे हैं। ऐसे में मरीजों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। चेन्नई से संबंधित कंपनी का तकनीकी एक्सपर्ट अाकर मशीन को ठीक करेगा, तब तक टांडा अस्पताल में एमआरआई टेस्ट नहीं होगा।
मशीन में तकनीकी खराबी आई है, जिसके चलते पिछले दो दिनों से टेस्ट नहीं हो रहे हैं। मशीन को ठीक करवाने के लिए कंपनी को लिखा है। जल्द ही एक्सपर्ट टांडा में आकर मशीन को ठीक करेंगे।-डॉ. गुरदर्शन गुप्ता, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक, टांडा अस्पताल।
क्या है एमअारअाइ टेस्ट
एमआरआई को मैग्रेटिक रेजोनेंस इमेजिंग कहते हैं। इसमें शक्तिशाली चुंबकों, रेडियोकिरणों अौर कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है। जिसकी मदद से शरीर की जानकारी को विस्तृत तस्वीरों के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। डाक्टर इस टेस्ट का इस्तेमाल मरीज के शारीरिक परीक्षण करने के लिए या यह देखने के लिए करते है कि मरीज उपचार के प्रति किस तरह की प्रतिक्रिया दे रहा है। एमआरआई स्कैन में एक्सरे अौर सीटी स्कैन टेस्ट की तरह विकिरणों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसमें दिमाग अौर रीढ़ की हड्डी की जांच, हड़ियों अौर जोड़ों की जांच, स्तनों की जांच, ह्रदय अौर रक्तवाहिकाओं की जांच, अन्य अंदरूनी अंग लीवर, गर्भाश्य अौर पौरुष ग्रंथि अादि की जांच की जाती है।