शानन परियोजना को हिमाचल को सौंपने का रखेंगे प्रस्ताव : रामस्वरूप
मंडी के सांसद राम स्वरूप शर्मा ने कहा कि वर्ष 1966 में पुनर्गठन के समय यदि प्रदेश कांग्रेस सरकार ने कड़ा रूख अपनाया होता तो आज शानन प्रोजेक्ट हिमाचल के अधीन होता।
जेएनएन, बरोट। सांसद रामस्वरूप शर्मा ने कहा 1966 में पुनर्गठन के समय यदि प्रदेश कांग्रेस सरकार ने कड़ा रूख अपनाया होता तो आज शानन प्रोजेक्ट हिमाचल के अधीन होता। सुखबाग में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सांसद ने कहा कि उन्होंने पहली बार शानन संघर्ष मंच का गठन 2003 में करते हुए इसे हिमाचल को देने की वकालत की थी। हिमाचल की भूमि पर हिमाचल के पानी से चलने वाली परियोजना पर पंजाब सरकार ने धक्केशाही से कब्जा किया है। इससे प्रदेश के हितों को भारी आर्थिक हानि हो रही है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा में शानन परियोजना को हिमाचल को सौंपने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के समक्ष रखेंगे। शानन प्रोजेक्ट की भारी अनदेखी व जर्जर व्यवस्ता को लोकसभा में उठाया था। केंद्र सरकार ने इसके जीर्णोद्धार के लिए तुरंत 25 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। उन्होंने आरोप लगया कि यह धन कहां खर्च हुआ, स्थानीय लोगों को आजतक मालूम नहीं है। प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से संज्ञान लेते हुए बरोट व जोगेंद्रनगर की सड़कों को सुधारने, ट्राली को दोबारा चलाने व सिल्ट का वैज्ञानिक दोहन करने के आदेश से अब व्यवस्था के पटरी पर लौटने की उम्मीद है।