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Martyr Rajneesh Parmar: शहीद रजनीश पंचतत्‍व में विलीन, 11 साल के अभिराज ने दी चिता को मुखाग्‍िन

भूटान में हेलीकॉप्टर प्रशिक्षण के दौरान हुई दुघर्टना में शहीद ननाओं (सुलह) गांव के कर्नल रजनीश परमार की पार्थिव देह रविवार को पालमपुर पहुंच गई।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 08:18 AM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 01:47 PM (IST)
Martyr Rajneesh Parmar: शहीद रजनीश पंचतत्‍व में विलीन, 11 साल के अभिराज ने दी चिता को मुखाग्‍िन
Martyr Rajneesh Parmar: शहीद रजनीश पंचतत्‍व में विलीन, 11 साल के अभिराज ने दी चिता को मुखाग्‍िन

पालमपुर, जेएनएन। भूटान में हेलीकॉप्टर प्रशिक्षण के दौरान हुई दुघर्टना में शहीद ननाओं (सुलह) गांव के लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश परमार की पार्थिव देह रविवार को पालमपुर पहुंची। सेना के हेलीकॉप्टर में पार्थिव देह को होल्टा कैंट स्थित हेलीपैड ग्राउंड में उतारा। डिवीजन हेडक्वार्टर में शहीद को सलामी सहित अन्य औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद पार्थिव देह को उनके नए घर मारंडा में पिंडदान के लिए लाई गई। परिजनों ने उन्‍हें श्रद्वांजलि दी। इसके बाद ननाओं गांव के अक्षैणा मंदिर श्मशानघाट में राष्ट्रीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्‍कार कर दिया गया। शहीद के 11 वर्षीय बेटे अभिराज सिंह परमार ने पिता की चिता को मुखाग्‍िन दी। इस मौके पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री विपिन सिंह परमार भी मौजूद रहे।

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शहादत के दिन था जन्‍मदिन

जांबाज के घर सुबह खुशियों का माहौल था, मौका था जन्मदिवस का, लेकिन सूरज ढलने के साथ ही ऐसी बुरी खबर आई कि पूरे घर के साथ-साथ क्षेत्र में मातम छा गया। पालमपुर के निकटवर्ती गांव मारंडा में सुलह विधानसभा क्षेत्र के ननाओं गांव से आकर बसे एयरफोर्स व रेलवे से सेवानिवृत्त मुख्त्यार सिंह परमार के बड़े बेटे लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश की भूटान में हैलीकाॅप्टर क्रैश होने से मौत हो गई। जैसे ही यह समाचार परिवार के सदस्यों को मिला तो पूरा दिन रजनीश के जन्मदिन की खुशियों पर पानी फिर गया और पूरा क्षेत्र गमगीन हो गया। शुक्रवार को रजनीश ने नेपाल के एक पायलट को चीता हैलीकाॅप्टर में प्रशिक्षण देने के लिए उड़ान भरी थी। मगर ईस्ट भूटान के यंगफूला एयरपोर्ट पहुंचने से पहले ही चीता हैलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और दोनों पायलट की मौत हो गई।

असम के मीसामारी में तैनात थे कर्नल रजनीश

कर्नल रजनीश परमार असम के मीसामारी में तैनात थे। दिल्ली में रहकर अपनी पढ़ाई की थी। बीबीए करने के बाद 1998 में उन्होंने सीडीएस के तहत कमीशन पास किया। 2000 में पासआउट होकर पहली पोस्टिंग 75 आर्मड रेजीमेंट में हुई। उसके बाद आठ वर्ष तक वह आर्मी एवीऐशन कोर में पायलट के तौर पर कार्यरत थे और वहां पर प्रशिक्षण दे रहे थे। लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश परमार के पिता मुखत्यार सिंह परमार ने भी भारतीय वायु सेना में जूनियर वारंट ऑफिसर के पद से 2000 में ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ली और उसके बाद भारतीय रेलवे में सेवाएं देते हुए 2012 में सेवानिवृत्त हुए। दो भाईयों में कर्नल रजनीश बड़े थे जबकि छोटा भाई निखिल भी भारतीय सेना की ईएमई में बतौर लेफ्टिनेंट कर्नल सेवाएं दे रहे हैं। लेफ्टिनेंट रजनीश परमार की पत्नी हिना परमार वर्तमान में 11 वर्षीय बेटे अभीराज सिंह परमार को राजस्थान के बीकानेर में अपने मायके में पढ़ा रही है।


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