Pulwama News: पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों के बीच शहीद तिलक का अंतिम संस्कार, भाई ने दी मुखाग्िन
Pulwama News शहीद तिलक राज की पार्थिव देह चीखो पुकार के बीच उनके पैतृक गांव धेवा पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिए गांव ही नहीं बल्कि आसपास के और गांवों के भी सैकड़ों लोगों का हुजूम उमड़ आया।
जेएनएन, धर्मशाला। पुलवामा आतंकी हमले के शहीद तिलक राज का शनिवार दोपहर अंतिम संस्कार हो गया। धेवा गांव पाकिस्तान मुर्दाबाद व तिलक राज जिंदाबाद के नारों से गूंज उठा। शहीद के भाई बलदेव ने चिता को मुखाग्िन दी। इससे पहले पार्थिव देह सुबह पौने दस बजे के करीब चीखो पुकार के बीच उनके पैतृक गांव धेवा पहुंची। शहीद की पत्नी और मां ताबूत को बेसुध हो गईं। लोगों का भारी हुजूम शहीद के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ आया है। शहीद की पत्नी सावित्री देवी अपनी पारंपरिक गददी वेशभूषा (दोड़ू) में पति को अंतिम विदाई दी।
शहीद की पत्नी को मिलेगी सरकारी नौकरी
मौके पर पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शहीद की पत्नी सावित्री देवी को सरकारी नौकरी देने, धेवा स्कूल को शहीद तिलक राज का नाम देने और इसे हाई स्कूल स्तरोन्नत करने का वादा किया। तिलक राज ने मिडल स्कूल धेवा में आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की थी।
शहीद की पत्नी और बच्चे को रोते देखकर मौके पर मौजूद गददी समुदाय से संबंधित खाद्य आपूर्ति मंत्री किशन कपूर भी अपने आंसू नहीं रोक पाए व वह भी रो पड़े। आंगन में मौजूद हर शख्स भावुक हो गया।
शहीद तिलक राज के अंतिम दर्शन के लिए उनके गांव ही नहीं बल्कि आसपास के और गांवों के भी सैकड़ों लोगों का हुजूम उमड़ आया। हर किसी की आंख नम थी। अपने गांव के कबडडी खिलाड़ी और लोकगायक के इस तरह दुनिया से जाने से हर कोई गमजदा है।
कांगड़ा चंबा के सांसद शांता कुमार भी शहीद के घर पहुंचे हैं, उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाया। इसके अलावा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी शहीद के गांव पहुंच गए हैं। खाद्य आपूर्ति मंत्री किशन कपूर, नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया व जवाली के विधायक अर्जुन ठाकुर कल से ही यहीं मौजूद हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद चंद्र कुमार, धर्मशाला के पूर्व विधायक सुधीर शर्मा, नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं।
केंद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नडडा और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी शहीद के घर पहुंचे। इन्होंने शहीद की पत्नी सावित्री देवी को ढांढस बंधाया व सरकार की ओर से हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया।
इससे पहले पार्थिव देह रात 12 बजे दिल्ली से पठानकोट एयरपोर्ट पहुंची। यहां खाद्य आपूर्ति मंत्री किशन कपूर, नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया, जवाली के विधायक अर्जुन ठाकुर सहित प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी पहुंचे थे। रात को शव नूरपुर में रखा गया था। शनिवार सुबह शव शहीद के पैतृक गांव पहुंचा दिया गया है।
गौरतलब है कि दो मई 1988 को जन्मे तिलक ने 27 अप्रैल 2007 को सीपीआरएफ में सेवाएं देनी शुरू की थी। बताया जा रहा है कि वह अपने पीछे पत्नी सावित्री देवी और 22 दिन का बेटा छोड़ गए हैं। तिलक दो दिन पहले ही घर से ड्यूटी पर लौटे थे।
कबड्डी खिलाड़ी भी थे तिलक राज
शहादत का जाम पीने वाले तिलक राज कबड्डी खिलाड़ी भी थे। वह सीआरपीएफ से छुट्टी आने के बाद घर में घरेलू कबड्डी प्रतियोगिता में हारचक्कियां टीम की ओर से खेलते था। हाल ही में उन्होंने गांव के अन्य साथियों के साथ मिलकर हारचक्कियां में कबड्डी प्रतियोगिता शुरू की थी। भाग्य की विडंबना है कि खेतीबाड़ी कर बेटे को पालने वाले तिलक के पिता लायक राम और परिवार के अन्य सदस्यों को इस बात की सूचना नहीं है कि उनके घर का तिलक फीका पड़ गया है। तिलक का भाई बलदेव ङ्क्षसह पंजाब में शराब ठेके में सेल्समैन है।
संस्कृति के संरक्षण में भी जुटे थे तिलक राज
ड्यूटी के दौरान सीमा पर देश रक्षा करने वाले तिलक जैसे ही घर पहुंचते थे तो संस्कृति के संरक्षण में भी सहयोग देते थे। उन्होंने कई पहाड़ी गाने में गाए हैं। सात माह पूर्व रिलीज हुआ उनका गाना सिधु मेरा बड़ा ओ शराब हो भ्यागा ही इचि रंदा ठेके और प्यारी मोनिका काफी प्रसिद्ध हुआ है।
बुधवार को फेसबुक पर किया था अपडेट
तिलक राज ने बुधवार को फेसबुक आइडी पर अंतिम बार अपडेट किया था। उन्होंने धौलाधार क्लब की ओर से धेबा में आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता की विजेता टीम हारचक्कियां का फोटो डाला था और आयोजन के बारे में कुछ जानकारी भी दी थी। उन्हें क्या पता था कि यह अपडेट उनकी आखिरी होगी। दोस्त आशीष ने बताया कि 11 फरवरी को तिलक राज ने कहा था कि अगली छुट्टियों में जब घर आएगा तो नाटी की रिकॉर्डिंग कर उसे रिलीज करेगा।