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जहरीली शराब कांड: दो लोगों की इस एक गलती ने ले ली सात की जान, इस तरह हुआ गिरोह का भंडाफोड़

Mandi Poisonous Liquor Case जहरीली शराब कांड में दो लोगों की गलती ने सात लोगों की जान ले ली। हालांकि इस मामले में कई लोगों की भूमिका संदिग्ध है। शराब तैयार करने वाले पुष्पेंद्र व सन्नी सामग्री का सही प्रयोग करते तो शायद सात लोगों की जान नहीं जाती

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 10:59 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 11:00 AM (IST)
जहरीली शराब कांड: दो लोगों की इस एक गलती ने ले ली सात की जान, इस तरह हुआ गिरोह का भंडाफोड़
जहरीली शराब कांड में दो लोगों की गलती ने सात लोगों की जान ले ली।

मंडी, जागरण संवाददाता। Mandi Poisonous Liquor Case, जहरीली शराब कांड में दो लोगों की गलती ने सात लोगों की जान ले ली। हालांकि इस मामले में कई लोगों की भूमिका संदिग्ध है। हमीरपुर की अवैध शराब फैक्टरी में शराब तैयार करने वाले पुष्पेंद्र व सन्नी निवासी भवानीगढ़ी जिला अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) अगर शराब तैयार करने में सामग्री का सही प्रयोग करते तो शायद सात लोगों की जान नहीं जाती और न ही कभी इस पूरे रैकेट का भंडाफोड़ होता। दोनों ने शराब तैयार करने में इथेनाल की जगह मेथेनाल मिला दिया था। इससे शराब जहरीली बन गई। छह लोग इस मामले में सबसे अधिक गुनाहगार हैं। एसआइटी की अब तक की जांच में यह बात आई है।

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किंगपिन गौरव मिन्हास उर्फ गोरू कई साल से शराब के अवैध कारोबार से जुड़ा है। वह पहले पड़ोसी राज्यों से शराब लाकर कई जिलों में अवैध रूप से सप्लाई करता था। सख्ती बढऩे पर उसने हिमाचल में ही शराब तैयार करनी शुरू कर दी। हमीरपुर का रहने वाला प्रवीण ठाकुर भी इसी कारोबार से जुड़ा था। दोनों ने शराब तैयार करने का बाटलिंग प्लांट शुरू कर दिया। कच्चे माल का प्रबंध कहां से होगा। गौरव को इसकी पूरी जानकारी थी। उसके कई राज्यों के शराब माफिया से संबंध थे। शराब तैयार करने के लिए सबसे जरूरी था फार्मूला।

गौरव ने लाखों रुपये देकर सांबा के एके त्रिपाठी से फार्मूला लिया था। फैक्टरी लगाने के लिए चंडीगढ़ से सामान लाया गया था। अजय कोहली ग्राफिक्स डिजाइनर है। लेबलिंग स्टिकर का डिजाइन तैयार करने का काम गौरव ने उसे सौंप रखा था। अजय ही स्टिकर व होलोग्राम चंडीगढ़ से बनवाता था। अंबाला में बड़ी मात्रा में स्पिरिट तैयार होता है। स्पिरिट की व्यवस्था भी गौरव करता था।

नालागढ़ के अवैध बाटलिंग प्लांट में भी संतरा ब्रांड की शराब तैयार होती थी। मुख्य सप्लायर कालू उर्फ नरेंद्र के हत्थे चढ़ते ही पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो गया। एसआइटी ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने गौरव का नाम उगल दिया। गौरव की गिरफ्तारी से एसआइटी फिर अन्य आरोपितों के गिरेबान तक पहुंच गई। शराब के अवैध कारोबार से आरोपितों ने कितनी चल-अचल संपत्ति अर्जित की है। ईडी की ओर से की जाने वाली जांच से अब इस बात का पता चल पाएगा।


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