जहरीली शराब कांड: कांगड़ा का गौरव मिन्हास उर्फ गोरू मुख्य सरगना, उत्तर प्रदेश के दो युवक करते थे तैयार
Mandi Poisonous Liquor Case जिला मंडी के सुंदरनगर उपमंडल के जहरीली शराब कांड को विशेष जांच दल (एसआइटी) ने 72 घंटे के अंदर सुलझा लिया। एसआइटी ने शराब बनाने की अवैध फैक्टरी का पता लगाने के साथ मुख्य सरगना व मुख्य सप्लायर को गिरफ्तार कर लिया है।
मंडी, जागरण संवाददाता। Mandi Poisonous Liquor Case, जिला मंडी के सुंदरनगर उपमंडल के जहरीली शराब कांड को विशेष जांच दल (एसआइटी) ने 72 घंटे के अंदर सुलझा लिया। एसआइटी ने शराब बनाने की अवैध फैक्टरी का पता लगाने के साथ, मुख्य सरगना व मुख्य सप्लायर को गिरफ्तार कर लिया है। इस पूरे खेल का मास्टर माइंड कांगड़ा जिले के पंचरुखी का रहने वाला गौरव मिन्हास उर्फ गोरू था। एसआइटी ने उसके पंजाब के जीरकपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया है। उसके घर से 25.31 लाख रुपये नकद, 6000 होलोग्राम, छह लेबलिंग स्टिकर, आबकारी विभाग की कई मुहर, डायरी व अन्य दस्तावेज मिले हैं। उसकी प्रवीण ठाकुर के साथ पार्टनरशिप थी। कच्चे माल, पैसे के लेनदेन व सप्लाई की व्यवस्था गौरव ही देखता था। बोतल के लेबलिंग स्टिकर डिजाइन करने का काम पपरोला का अजय कोहली करता था। एसआइटी ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है। स्टिकर चंडीगढ़ में बनते थे।
परवाणू के अजय शर्मा व प्रकाश चंद कार्टन व बोतल के ढक्कन उपलब्ध करवाते थे। शराब तैयार करने के लिए अंबाला का सागर सैनी आरोपितों को स्पिरिट उपलब्ध करवाता था। नालागढ़ के एक बाटलिंग प्लांट में काम करने वाले मनु व गगन की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। एसआइटी दोनों से पूछताछ कर रही है। प्रवीण ने अपनी फैक्टरी में काम करने के लिए उत्तर प्रदेश के पुष्पेंद्र व सन्नी को बतौर कर्मचारी रखा था। ये दोनों उत्तर प्रदेश के भवानीगढ़ी, जिला अलीगढ़ के निवासी हैैं।
उत्तर प्रदेश के पुष्पेंद्र व सन्नी बनाते थे शराब
घर की दूसरी मंजिल में चलने वाली अवैध फैक्टरी में बाहर से दरवाजों पर ताला लगा होता था। उत्तर प्रदेश निवासी पुष्पेंद्र व सन्नी अंदर काम करते रहते थे। सुंदरनगर हलके की भनवाड़ पंचायत का कालू उर्फ नरेंद्र अवैध शराब का मुख्य सप्लायर था। एसआइटी ने उसे देर रात गिरफ्तार किया है। शराब में मिलाने के लिए पानी हमीरपुर के एक प्लांट में तैयार होता था।
कबाड़ियों से खरीदी जाती थी खाली बोतलें
शराब की खाली बोतल हमीरपुर में ही कबाडिय़ों से खरीदी जाती थी। फैक्टरी लगाने का सामान चंडीगढ़ से खरीदा गया था। इस पूरे मामले में एसआइटी अब तक सात आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। माफिया के साथ सुंदरनगर पुलिस की मिलीभगत के आरोपों की जांच होगी। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने इस उपलब्धि के लिए एसआइटी के सभी सदस्यों की पीठ थपथपाई है।
अपराध कितना संगठित
जहरीली शराब के अवैध कारोबार का यह गिरोह इतना संगठित था कि इसमें हिमाचल, जम्मू-कश्मीर से लेकर हरियणा व उत्तर प्रदेश के लोग भी शामिल रहे हैैं। बेशक अवैध धंधे के बड़े कारोबारी हिमाचल से ही जुड़े हों लेकिन इसे तैयार करने के लिए कारीगर विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश से लाए गए थे। पुलिस की जांच में इस काले कारनामे से जुड़े कई सफेदपोशों के नाम भी सामने आए हैैं।