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राज्यसभा में हो सकती है मंडी की एंट्री, संसदीय क्षेत्रों के समीकरण में अभी तक है खाली

Mandi Seat in Rajya Sabha हिमाचल प्रदेश कोटे की राज्यसभा की सीट अप्रैल में खाली होगी। इस बार उम्मीद लगाई जा रही है कि मंडी जिले से कोई भी नेता राज्यसभा में एंट्री ले सकता है। वर्तमान में पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैैं।

By Virender KumarEdited By: Published: Mon, 14 Feb 2022 10:52 PM (IST)Updated: Mon, 14 Feb 2022 11:50 PM (IST)
राज्यसभा में हो सकती है मंडी की एंट्री, संसदीय क्षेत्रों के समीकरण में अभी तक है खाली
राज्यसभा में हो सकती है मंडी की एंट्री।

शिमला, रोहित नागपाल।

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Mandi Seat in Rajya Sabha, हिमाचल प्रदेश कोटे की राज्यसभा की सीट अप्रैल में खाली होगी। इस बार उम्मीद लगाई जा रही है कि मंडी जिले से कोई भी नेता राज्यसभा में एंट्री ले सकता है। वर्तमान में पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैैं। उनका कार्यकाल अप्रैल के पहले पखवाड़े में खत्म हो रहा है। सत्ताधारी दल भाजपा की ओर से राज्यसभा जाने के लिए नेताओं ने लाबिंग शुरू कर दी है।

संसदीय क्षेत्रों के समीकरण के हिसाब से देखें तो वर्तमान में मंडी संसदीय क्षेत्र ऐसा है, जहां से कोई भी नेता राज्यसभा या लोकसभा में नहीं है। भाजपा के लोकसभा सदस्य किशन कपूर और राज्यसभा सदस्य इंदु गोस्वामी कांगड़ा जिला व संसदीय क्षेत्र से हैं।

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर लोकसभा और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राज्यसभा सदस्य हैं। शिमला संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य सुरेश कश्यप हंै। उनके पास भाजपा के राज्य अध्यक्ष का जिम्मा भी है। ऐसे में मंडी संसदीय क्षेत्र ही बचता है, जहां से संसद में अब तक भाजपा से कोई नहीं है। मंडी संसदीय उपचुनाव में भाजपा को यहां से हार का सामना करना पड़ा था।

संसद में मंडी से कोई भी नहीं है। कयास लगाए जा रहे हैं कि मंडी से किसी नेता को भाजपा इस बार राज्यसभा भेज सकती है। अगर आरएसएस का दवाब बनता है तो अजय जम्वाल को राज्यसभा भेजा जा सकता है। इसी तरह से यदि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के किसी नजदीकी के बात आती है तो राकेश जम्वाल और धूमल कैंप की ओर से अजय राणा को राज्यसभा भेजने के लिए लाबिंग की जा सकती है।

अभी तक तय नहीं आनंद कहां से जाएंगे राज्यसभा

पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा लंबे समय से राज्यसभा के सदस्य रहे हैैं। इससे पहले जब भी इनका कार्यकाल खत्म होने वाला होता था तो इन्हें पहले ही कांग्रेस हाईकमान की ओर से किसी न किसी प्रदेश से राज्यसभा भेजने का इंतजाम कर दिया जाता था। अब ऐसी स्थिति इस बार नहीं दिख रही है। कांग्रेस की सरकार काफी कम ही राज्यों में है। इसलिए अभी तक तय नहीं हो पाया है।

कांग्रेस ने तय नहीं की रणनीति

इस बार के राज्यसभा चुनाव में पार्टी की क्या रणनीति होगी, इस पर कांग्रेस चुप है। पार्टी शीघ्र ही प्रत्याशी उतारने या न उतारने पर फैसला ले सकती है।


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