महाकाल मंदिर में मेले 17 से होंगे शुरू
भाद्रपद के महीने में महाकाल मंदिर में लगने वाले शनिवार के मेलों के लिये मंदिर प्रशासन ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।। इस बार यह मेले 17 अगस्त से शुरू जो कर 14 सितंबर तक चलेंगे। इस दौरान पांच मेलों का आयोजन किया जाएगा। गौरतलब है कि महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन के बाद दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है।लाखों लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है। हिमाचल ही नही देश के दूसरे राज्यों से भी शनि भक्त यहां पर अपना शीश नवाने के लिये आते हैं।
संवाद सहयोगी, बैजनाथ : भाद्रपद महीने में महाकाल मंदिर में लगने वाले शनिवार के मेलों के लिए प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। मेले 17 अगस्त से शुरू होकर 14 सितंबर तक चलेंगे। इस दौरान पांच मेलों का आयोजन किया जाएगा। महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन के बाद दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। लाखों लोगों की आस्था मंदिर से जुड़ी हुई है। यहां शनि मंदिर के साथ शनि शिला भी स्थापित है। इस महीने में शनि शिला पर तेल तिल और माश की दाल चढ़ाने से शनि भगवान खुश होते हैं और ग्रहों की शांति मिलती है। शनि मंदिर के साथ शिव भोले का मंदिर और माता दुर्गा का मंदिर भी है। इस मंदिर के साथ सात छोटे-छोटे कुंड भी बने है। कहते है कि प्राचीन समय मे सप्त ऋषियों ने यहां पर तपस्या की थी। यह कुंड उन्हीं ऋषियों की निशानी के रूप में आज भी विद्यमान है। मेलों के दौरान मंदिर के कपाट सुबह तीन बजे खोल दिए जाते हैं। मेलों के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। जबकि एनसीसी और एनएसएस के स्वयंसेवी भी सेवाएं देंगे। पांचों शनिवार को मंदिर भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग पठानकोट-मंडी पर बैजनाथ के चोबीन चौक से महाकाल मंदिर की दूरी पांच किलोमीटर है। यहां तक पहुंचने के लिए सीधी बस सेवा चलती है, जबकि टैक्सी भी उपलब्ध हो जाती है। ट्रेन के जरिये पपरोला रेलवे स्टेशन तक भी पहुंचा जा सकता है। सहायक मंदिर आयुक्त एवं एसडीएम छवि नैंटा ने बताया कि मंदिर में पेंट और कुछ मरम्मत का काम चल रहा है। यह एक-दो दिन में खत्म हो जाएगा। 15 अगस्त को दुकानों का आवंटन कर दिया जाएगा।
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