Move to Jagran APP

मिडल क्लास पर वार: विधायक को 50 लाख सस्ता कर्ज और आयकर देने वाले कर्मी को महज तीन लाख

एक चुनाव जीतने पर ही विधायक के लिए सुविधाओं का अंबार लग जाता है। सरकारी स्तर पर विधायक को वैधानिक आधार पर सुविधाओं का प्रावधान है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 05:00 PM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 05:00 PM (IST)
मिडल क्लास पर वार: विधायक को 50 लाख सस्ता कर्ज और आयकर देने वाले कर्मी को महज तीन लाख
मिडल क्लास पर वार: विधायक को 50 लाख सस्ता कर्ज और आयकर देने वाले कर्मी को महज तीन लाख

शिमला, प्रकाश भारद्वाज। एक चुनाव जीतने पर ही विधायक के लिए सुविधाओं का अंबार लग जाता है। सरकारी स्तर पर विधायक को वैधानिक आधार पर सुविधाओं का प्रावधान है। यदि विधायक को भवन निर्माण और वाहन खरीदने के लिए कर्ज चाहिए तो विधानसभा सचिवालय की ओर से 50 लाख रुपये के कर्ज की सुविधा है। चार प्रतिशत ब्याज दर पर विधायक कर्ज लेकर भवन निर्माण कर सकता है। चाहे तो वाहन भी खरीद सकता है। जबकि वेतन पर आयकर भुगतान करने वाले सरकारी कर्मचारी के लिए कर्ज लेने के पैमाने अलग हैं। उसे विधायकों की अपेक्षाकृत कर्ज दो गुणा ब्याज दर पर मिलता है।

loksabha election banner

सरकार ने कर्मचारियों को दो-तीन लाख रुपये का कर्ज देने की व्यवस्था की है। प्रत्येक कर्मचारी अपने बेसिक वेतन का पचास प्रतिशत कर्ज ही ले सकता है। विभिन्न श्रेणियों के कर्मी अपनी बेसिक के आधार पर दो से  तीन लाख रुपये तक अधिकतम कर्ज लेने के पात्र हैं। मध्यम वर्ग देश की रीढ़ माना जाता है, मगर सरकार ने आयकर से लेकर सभी तरह के दायित्वों का निर्वाह करने वाले मध्यम वर्ग को निचोड़कर रख दिया है।

विधायक के लिए लोन गारंटी नहीं जरूरी

चाहे आप एक दिन के विधायक हों या फिर कई बार जीतकर आएं हों। ऐसा प्रावधान है कि विधायक का आयकर सरकार भुगतान करेगी। इसके अतिरिक्त 50 लाख रुपये का कर्ज महज चार प्रतिशत ब्याज दर पर मिलेगा। इसके लिए किसी प्रकार की गारंटी देने की जरूरत नहीं है। मौजूदा विधानसभा में प्रकाश राणा जैसे गिने-चुने विधायक हैं, जिन्होंने विधानसभा सचिवालय से प्राप्त होने वाला कर्ज नहीं लिया है। गिनती के पूर्व विधायक हैं जिन्होंने विधायक रहते हुए और पूर्व विधायक के तौर पर कर्ज नहीं लिया। पूर्व विधायक को 15 लाख रुपये का कर्ज प्राप्त हो सकता है।

सरकारी कर्मचारी को मुश्किल से मिलता है कर्ज

कोई भी सरकारी कर्मचारी अधिकतम तीन लाख रुपये का कर्ज प्राप्त कर सकता है। यह कर्ज भवन निर्माण के लिए दिया जाता है। बेसिक वेतनमान के आधार पर कर्मचारी को भवन निर्माण कर्ज मुश्किल से मिलता है।

मंदी में ब्याज नीचे

देश-दुनिया में मंदी का दौर होने के चलते इस समय राष्ट्रीयकृत बैंक भवन निर्माण के लिए 7.30 प्रतिशत पर कर्ज दे रहे हैं। वाहन खरीदने के लिए कर्ज की ब्याज दर 7.85 प्रतिशत है। इसके अतिरिक्त कर्मचारी को कर्ज के लिए गारंटी भी देनी पड़ती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.