हिमाचल में ऑक्सीजन की नहीं कमी पर स्टाॅक केंद्र सरकार के मानकों से दूर, जानिए पूरा मामला
Oxygen Stock हिमाचल प्रदेश में कृत्रिम ऑक्सीजन की कमी नहीं है। मात्र 2.5 फीसद कोरोना मरीजों को ही ऑक्सीजन चढ़ाने की आवश्यकता पड़ रही है।
शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। हिमाचल प्रदेश में कृत्रिम ऑक्सीजन की कमी नहीं है। मात्र 2.5 फीसद कोरोना मरीजों को ही ऑक्सीजन चढ़ाने की आवश्यकता पड़ रही है। इनकी संख्या बढऩे पर भी व्यापक इंतजाम है। हालांकि केंद्र सरकार के मानक पूरा करने के लिए 13 टन से अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता है, जबकि प्रदेश में 8.40 टन ऑक्सीजन रखने की क्षमता ही है। यह मानक आइसीयू व अन्य बिस्तरों के आधार पर तय किए हैं। प्रदेश में इन दिनों 0.52 टन ऑक्सीजन की खपत प्रतिदिन हो रही है।
प्रदेश में ऑक्सीजन उत्पादन काफी है, इसलिए सरकार ने केंद्र के मानक पूरा करने के लिए स्टोरेज क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयास किए हैं। इसके तहत टेंडर के माध्यम से खाली सिलेंडर उपलब्ध करवाए जाएंगे। वहीं, प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों व बड़े अस्पतालों में इन दिनों दमा के सामान्य मरीजों को दाखिल नहीं किया जा रहा है। केवल गंभीर अवस्था में आने वाले मरीजों को ही दाखिल किया जा रहा है। ऐसे में दमा के मरीजों को बाजार से ऑक्सीजन लेनी पड़ रही है। प्रदेश में 3875 कोरोना एक्टिव मामलों से 110 मरीजों को ऑक्सीजन चढ़ानी पड़ रही है।
केंद्र से मिले 500 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रटर
ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने 500 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रटर हिमाचल को मुफ्त दिए हैं। यह कॉन्सेंट्रटर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों को दिए हैं। इस मशीन को बिजली से लगाते ही ऑक्सीजन बननी शुरू हो जाती है। इसे सीधा मरीज को लगाया जाता है।
टांडा में भी ऑक्सीजन की व्यवस्था
अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान का कहना है प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। मांग से अधिक ऑक्सीजन उपलब्ध है। आइजीएमसी में प्लांट लगा हुआ है और तीन हजार सिलेंडर हर दिन तैयार हो रहे हैं। मंडी और बद्दी में भी ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में भी ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है, जिससे 15 दिन तक लगातार ऑक्सीजन वहीं से उपलब्ध होगी।