Sawan 2019: शिवालयों में गूंजे जयकारे, बैजनाथ और काठगढ़ में सुबह तीन बजे से लगी लाइनें Kangra News
सावन अष्टमी मेलों के लिए जिला कांगड़ा के काठगढ़ बैजनाथ व त्रिलोकपुर में शिवालय सोमवार सुबह तीन बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
धर्मशाला, जेएनएन। सावन अष्टमी मेलों के लिए जिला कांगड़ा के काठगढ़, बैजनाथ व त्रिलोकपुर में शिवालय सोमवार सुबह तीन बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में सावन मास के पहले सोमवार को शिव भक्तों की भीड़ उमड़ आई। सुबह तीन बजे से ही शिव भक्तों की लाइनें लगना शुरू हो गईं। मंदिर ट्रस्टी अनिल शर्मा, गुरबख्श चौहान, गोपाल पाधा, अमन सूद ने बताया इस बार सावन मास के सोमवार को लेकर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। बुजुर्गों तथा बच्चों के लिए के लिए भोले शंकर के दर्शन करने के लिए विशेष प्रावधान रखा गया है। वहीं स्थानीय निवासी घनश्याम अवस्थी द्वारा आज भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है।
जिला कांगड़ा के शिव मंदिर बैजनाथ में सावन मास के पहले सोमवार पर दर्शनों के लिए पहुंचे शिव भक्त। मंदिर के कपाट सुबह तीन बजे से खोल दिए गए थे।
सावन मास में भोले बाबा की पूजा से पूरी होती हैं मनोकामनाएं
सावन माह में भोले बाबा की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। धर्म और आस्था का अटूट गठजोड़ हमें इस माह दिखाई देता है। इस माह की प्रत्येक तिथि किसी न किसी धार्मिक महत्व के साथ जुड़ी होती है। हर दिन व्रत और पूजा पाठ के लिए महत्वपूर्ण रहता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सभी महीनों को किसी न किसी देवता के साथ संबंधित देखा जा सकता है। सावन माह में शिव पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
जिला कांगड़ा के प्रसिद्व शिव मंदिर काठगढ़ सावन मास के पहले सोमवार पर दर्शनों के लिए उमड़ा शिव भक्तों का सैलाब। यहां भी कपाट सुबह तीन बजे खोल दिए गए थे।
काठगढ़ में महाशिवपुराण का जप
शिव मंदिर काठगढ़ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 16 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यहां सावन मेलों के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खानपान और रुकने का प्रबंध मंदिर कमेटी ने किया है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस कर्मचारी भी तैनात किए गए हैं। 16 अगस्त तक मंदिर में रोजाना महाशिवपुराण का जप किया जाएगा।
शिव मंदिर त्रिलोकपुर में भी उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
शिव मंदिर त्रिलोकपुर पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग-154 के किनारे है। यहां भगवान भोलेनाथ का गुफानुमा मंदिर है। मंदिर की छत से विचित्र जटाएं लटकती हुई नजर आती हैं और इन्हें देखने से ऐसा प्रतीत होता है मानो छत से सांप लटक रहे हों। सावन माह में यहां श्रद्धा का सैलाब उमड़ता है। शिव प्रतिमा के दोनों ओर पत्थर के स्तंभ खड़े हैं। छत से पानी टपकने के कारण अंदर सीलन का आभास होता है। मंदिर में प्रवेश करते ही सिर अपने आप शिव प्रतिमा के समक्ष श्रद्धा से झुक जाता है। मंदिर के बाहर नाला बहता है और इसमें विशाल शिलाएं अलग-अलग आकृतियों में हैं। इन्हें देखकर लगता है मानो बहुत सी भेड़ें इस नाले में लेटी हों।