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धर्मशाला में पी‍ठासीन अधिकारियों के सम्‍मेलन को लोकसभा स्‍पीकर करेंगे संबोधित, सांस्‍कृतिक संध्‍या भी होगी

Presiding Officers Conference देशभर के पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन धर्मशाला के तपोवन विधानसभा परिसर में नवंबर में आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने दी। उन्होंने कहा इस सम्मेलन में देशभर की विधानसभा विधान परिषदों के करीब दो सौ प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 01:29 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 01:29 PM (IST)
धर्मशाला में पी‍ठासीन अधिकारियों के सम्‍मेलन को लोकसभा स्‍पीकर करेंगे संबोधित, सांस्‍कृतिक संध्‍या भी होगी
देशभर के पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन धर्मशाला के तपोवन विधानसभा परिसर में नवंबर में आयोजित किया जाएगा।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Presiding Officers Conference, देशभर के पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन धर्मशाला के तपोवन विधानसभा परिसर में नवंबर में आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने दी। उन्होंने कहा इस सम्मेलन में देशभर की विधानसभा, विधान परिषदों के करीब दो सौ प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा पीठासीन अधिकारियों का पहला सम्मेलन भी हिमाचल प्रदेश में 1921 में शिमला में आयोजित किया गया था तथा अब शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य पर भी हिमाचल के धर्मशाला के तपोवन में पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन भव्य तरीके से आयोजित किया जाएगा। इससे पहले पीठासीन अधिकारियों के छह सम्मेलन हिमाचल में आयोजित किए जा चुके हैं, जबकि धर्मशाला के तपोवन विधानसभा परिसर में पीठासीन अधिकारियों का यह पहला सम्मेलन होगा।

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उन्होंने कहा लोकसभा तथा विधानसभा के संयुक्त तत्वाधान में यह सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन की अध्यक्षता लोकसभा के स्पीकर करेंगे। उन्होंने कहा लोकसभा स्पीकर के माध्यम से उपराष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री को भी इस सम्मेलन के लिए आमंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सभी विभागों के अधिकारियों को अपने-अपने विभागों के संबंधित कार्यों को निर्धारित समय पर पूरा करना होगा। इसके साथ ही सम्मेलन के दौरान सुरक्षा इत्यादि की व्यवस्था को भी चाक चौबंद करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि इस दौरान सम्मेलन में आने वाले सभी प्रतिनिधियों को हिमाचल की सांस्कृतिक झलक भी लोक नृत्य तथा लोक संगीत के माध्यम से दिखाई जाएगी तथा सांस्कृतिक संध्या भी आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही प्रतिनिधियों को कांगड़ा जिला के प्रमुख ऐतिहासिक तथा धार्मिक स्थलों का भ्रमण भी सुनिश्चित किया जाएगा।


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