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होटल के कमीशन एजेंट की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास, 2017 में ज्वालामुखी में हुई थी वारदात, जानिए

डंडों से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर उसे सड़क किनारे फेंकने और सबूत मिटाने वाले होटल मालिक को न्यायालय ने आवीजन कारवास व 35 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 03:44 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 03:44 PM (IST)
होटल के कमीशन एजेंट की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास, 2017 में ज्वालामुखी में हुई थी वारदात, जानिए
होटल के कमीशन एजेंट की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास, 2017 में ज्वालामुखी में हुई थी वारदात, जानिए

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। कमीशन पर होटल के लिए कमरे बुक करने वाले कमीशन एजेंट की डंडों से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर उसे सड़क किनारे फेंकने और सबूत मिटाने वाले होटल मालिक को न्यायालय ने आवीजन कारवास व 35 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना न अदा करने की सूरत में दोषी को एक साल का अतिरिक्त कारवास होगा। ये मामला 10 अक्टूबर 2017 को पुलिस थाना ज्वालामुखी में दर्ज हुआ था।

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मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया मदन लाल निवासी हरिपुर देहरा ने 10 अक्टूबर 2017 को पुलिस थाना ज्वालामुखी के इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया मदन लाल का बेटा 31 वर्षीय मोहित ज्वालामुखी में कमीशन पर होटल के कमरे बुक करवाता था। नौ अक्टूबर की रात को मोहित शराब के नशे में प्रकाश चंद निवासी डोहग देहरियां थाना ज्वालामुखी के होटल में आया था और एक कमरे में सो गया था।

मोहित के कपड़े मिट्टी व गोबर से सने थे। इसको देखते हुए प्रकाश चंद ने उन्हें कमरे में डंडों से पीटा। पीटने के बाद उसने अधमरी हालत में मोहित को सड़क किनारे फेंक दिया। मारपीट और खींचतान के दौरान मोहित की चप्पल व कपड़े होटल के कमरे में ही रह गए थे, जिन्हें प्रकाश ने होटल की छत पर छुपा दिया था। इसके साथ ही रातोंरात उसने होटल का कमरा साफ करवा दिया। अधमरी हालत में पड़े मोहित को साथ लगते होटल मालिक व दुकानदारों ने उठाकर सिविल अस्पताल ज्वालामुखी पहुंचाया, जहां उसे टांडा अस्‍पताल रेफर कर दिया। ज्वालामुखी से टांडा ले जाते वक्त मोहित ने दम तोड़ दिया था।

पुलिस कार्रवाई के बाद न्यायालय में पहुंचे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से केस की पैरवी उप-जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री व एलएम शर्मा ने की। अतिरिक्त जिला न्यायधीश तृतीय रणजीत सिंह ठाकुर की अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 30 गवाह पेश किए गए। गवाहों के बयान के आधार पर दोषी प्रकाश चंद को आजीवन कारावास व 35 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना राशि मृतक के पिता को मुआवजे के रूप में दी जाएगी।


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