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ज्वालामुखी में साथी पेंटर के हत्यारे को आजीवन कारावास, मारकर खार नाल में फेंक दिया था शव

Jawalamukhi Painter Murder अपने साथ काम करने वाले साथी की हत्‍या के दोषी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 30 वर्षीय वीरेंद्र निवासी सलोहा फकलोह ज्वालामुखी को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रणजीत सिंह ठाकुर की अदालत आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 03:59 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 03:59 PM (IST)
ज्वालामुखी में साथी पेंटर के हत्यारे को आजीवन कारावास, मारकर खार नाल में फेंक दिया था शव
हत्‍या के दोषी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। अपने साथ काम करने वाले साथी की हत्‍या के दोषी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 30 वर्षीय वीरेंद्र निवासी सलोहा फकलोह ज्वालामुखी को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रणजीत सिंह ठाकुर की अदालत आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माने के रूप में मिलने वाली राशि पीड़ित परिवार को राहत राशि के रूप में दी जाएगी। मामला पुलिस थाना ज्वालामुखी का है। केस की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया वीरेंद्र कुमार और रविंद्र कुमार निवासी जाटला फकलोह दोनों एक साथ पेंटर का काम करते थे।

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सात अगस्त 2016 को वीरेंद्र व रविंद्र दोनों जमोठी के किशोरी लाल के घर के काम करने के बाद नगरोटा बगवां के जोगिंद्र सिंह के घर एस्टीमेट देेने गए थे। देर शाम को जब रविंद्र घर वापस नहीं आया तो उसके पिता दुनी चंद ने पहले रविंद्र को फोन किया, लेकिन नंबर स्विच ऑफ आया। इसके बाद वीरेंद्र को फोन किया तो उसने बताया कि वे दोनों सलोहा चौक तक साथ में आए थे, उसके बाद रविंद्र अपने घर चला गया था। उसी रात नौ बजे रविंद्र के स्वजन उसे दोबारा ढूंढने गए और वीरेंद्र को फोन किया तो उसने कहा कि अभी बहुत रात हो चुकी है सुबह देखते हैं। अगले दिन सलोह चौक के दो किलोमीटर पीछे खार नाल में रविंद्र का शव मिला। दोषी ने अपने साथी को मारकर शव नाले में फेंक दिया था।

जांच के बाद वीरेंद्र के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया। पुलिस जांच के बाद न्यायालय पहुंचे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से केस की पैरवी अतिरिक्त जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री व एमएल शर्मा ने की। न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 18 गवाह पेश किया गए। गवाहों की ब्यानों के आधार पर न्यायालय ने दोषी वीरेंद्र को हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।


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