अल्कोहल की जगह मेथेनॉल सप्लाई करने वाली अहमदाबाद की कंपनी को नोटिस जारी
देश के उत्तरी क्षेत्र के करीब पांच राज्यों तक मेथेनॉल से बना सैनिटाइजर पहुंचा है। ड्रग कंट्रोल महकमे ने मेथेनॉल से सैनिटाइजर तैयार करने वाली दोनों कंपनियों को सभी राज्यों के बाजारों से स्टाक हटाने के निर्देश दिए हैं।
ऊना, राजेश शर्मा। देश के उत्तरी क्षेत्र के करीब पांच राज्यों तक मेथेनॉल से बना सैनिटाइजर पहुंचा है। ड्रग कंट्रोल महकमे ने मेथेनॉल से सैनिटाइजर तैयार करने वाली दोनों कंपनियों को सभी राज्यों के बाजारों से
स्टाक हटाने के निर्देश दिए हैं। ड्रग कंट्रोल महकमे ने अल्कोहल की जगह मेथेनॉल सप्लाई करने वाली अहमदाबाद की कंपनी को भी नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है। मेथेनॉल सप्लाई करने वाली कंपनी व स्थानीय दो उद्योगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर ली गई है। कुछ कंपनियों से जहरीला सैनिटाइजर भी सप्लाई हुआ था। देश और प्रदेश में सैनिटाइजर के सैंपल फेल होने के बाद मामले की पड़ताल पर उतरे हिमाचल प्रदेश ड्रग कंट्रोल महकमे के अधिकारियों ने कंपनियों की बड़ी कोताही पकड़ी है। महकमे ने जो
सैनिटाइजर बनाने के लिए इस्तेमाल की गई सामग्री के सैंपल भरे थे, उनमें अल्कोहल की जगह जहरीला मेथेनॉल रसायन पाया गया है। यह ऐसा पदार्थ है जो व्यक्ति को मृत्यु तक भी लेकर जा सकता है। इसका बच्चों की त्वचा पर वितरीत असर हो सकता है और आंखों की रोशनी तथा किडनी तक भी खराब हो सकती है।
हिमाचल प्रदेश ड्रग कंट्रोल महकमे द्वारा ऊना जिले की जिन दो कंपनियों के सैनिटाइजर बनाने के लिए इस्तेमाल किए जा रही सामग्री के करीब महीना भर पहले सैंपल भरे थे। कई राज्यों में सैनिटाइजर के सैंपल फेल होने की खबरों के बाद महकमे ने इसका संज्ञान लिया था। इस कार्रवाई में महकमे की टीम द्वारा औचक निरीक्षण किया गया था और जो सैंपल भेजे गए थे उनके अल्कोहल की जगह मेथेनॉल जहरीला रसायन पाया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि इस सैनिटाइजर में 97 फीसद मेथेनॉल की मात्रा पाई गई है। यह रसायन इतना घातक है कि ऐसे में गलती से भी इससे बने सैनिटाइजर की मात्रा शरीर के भीतर जाने से व्यक्ति की मौत तक हो सकती है।
अल्कोहल की तुलना में मेथेनॉल कई गुणा सस्ता
ड्रग कंट्रोल महकमे की जांच में यह भी सामने आया है कि डिमांड बढ़ने के बाद अचानक जब सैनिटाइजर की खपत बढ़ने लगी तो कुछ कंपनियों ने इस दौरान मेथेनॉल का इस्तेमाल शुरु किया है। अल्कोहल की तुलना में मेथेनॉल की कीमत कई गुणा कम है। यह मेथेनॉल की सप्लाई अहमदाबाद की एक कंपनी द्वारा स्थानीय
सैनिटाइजर बनाने वाली यूनिटों में की गई है। इस बीच हैरानी की बात है कि यहां कंपनियां उस रसायन का अपने स्तर पर परीक्षण न करके उनका इस्तेमाल करती रही जो उनकी भी भारी चूक है।
दैनिक जागरण की ओर से भी कोरोना काल में प्रदेश और उसके बाहर बने कई सैनिटाइजर कंपनियों की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए गए थे। इसमें यह भी बताया गया था कि कंपनियों में सैनिटाइजर के लिए क्या इस्तेमाल किया जा रहा है इसे देखने और परखने भी स्थानीय स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं है। कुछ शेडों के नीचे सैनिटाइजर बनाने का काम शुरू हो गया था।
क्या कहते हैं ड्रग इंस्पेक्टर
ड्रग कंट्रोल विभाग हिमाचल के सहायक दवा नियंत्रक आशीष रैणा व प्रदेश ड्रग इंस्पेक्टर विकास ठाकुर और पंकज का कहना है कि जिले में सैनिटाइजर बनाने वाली दो कंपनियों के रसायनों का सैंपल लिया गया था। इसका नतीजा आया है और उच्च अधिकारियों के निर्देश पर नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जा रही है। सैनिटाइजर बनाने से जुड़ी कंपनियों की यह भारी चूक है। उधर अल्कोहल की जगह मेथेनॉल भेजने वाली कंपनी ने भी आपराधिक कृत्य किया है। ऐसे में इन कंपनियों और सप्लायर के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा रही है। सैंपल में जो रसायन सैनिटाइजर में इस्तेमाल पाया गया है यह मानव जीवन के लिए बेहद खतरनाक है।