हिमाचल में भारी बर्फबारी के बाद भी सूने रहे पर्यटन स्थल, कोरोना संक्रमण के साथ यह रही बड़ी वजह
Himachal Tourism Destination सरकार ने पर्यटकों के लिए पर्यटन स्थल तो बहाल कर दिए हैं। लेकिन कोरोना का कहर व डर अभी भी जारी है। यही कारण है कि पर्यटन क्षेत्रों में पर्याप्त बर्फबारी होने के बाद भी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो पाई।
मनाली/धर्मशाला, जेएनएन। सरकार ने पर्यटकों के लिए पर्यटन स्थल तो बहाल कर दिए हैं। लेकिन कोरोना का कहर व डर अभी भी जारी है। यही कारण है कि पर्यटन क्षेत्रों में पर्याप्त बर्फबारी होने के बाद भी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो पाई। पर्यटन नगरी मनाली, धर्मशाला, शिमला व डलहौजी में पर्यटकों की तादाद में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई। गिने चुने पर्यटक ही बर्फबारी का आनंद लेने पहाड़ पर पहुंचे।
इससे पहले मनाली में जब भी बर्फबारी हुई है तब बर्फबारी के दूसरे दिन ही पर्यटकों का सैलाब उमड़ा है। प्रदेश में रात्रि कर्फ्यू लगने से भी मनाली में पर्यटकों की आमद घटी है। किसान आंदोलन ने भी पर्यटन को प्रभावित किया है। पहले दिन-रात पर्यटकों के वाहन दस्तक देते थे। लेकिन अब दिन को ही पर्यटक वाहनों की मनाली में एंट्री हो रही है।
पिछले एक सप्ताह मनाली आने वाले पर्यटक वाहनों में लगातार कमी आई है। मनाली के सोलंगनाला, फातरु, धुंधी, अंजनीमहादेव, गुलाबा व कोठी में डेढ़ से दो फीट बर्फ गिरी है लेकिन पर्यटकों की आमद न बढऩे से पर्यटन कारोबारियों में मायूसी का माहौल है। हालांकि पर्यटन नगरी मनाली में 25 प्रतिशत होटल ही अभी पर्यटकों के लिए खुले हैं। लेकिन 25 प्रतिशत होटलों में भी आक्यूपेंसी न के बराबर है।
सोलंगनाला के पर्यटन कारोबारी एमसी ठाकुर, दीपक, लुदर ने बताया कि बर्फबारी से पर्यटन कारोबार बढऩे की उमीद जगी थी लेकिन इस बार बर्फबारी भी पर्यटकों को नहीं खींच पाई है। होटल कारोबारी रूप लाल, सुरेश, रवि व डोले राज ने बताया कि कोरोना का अभी भी पर्यटकों में खौफ दिख रहा है। साथ ही रात्रि कर्फ्यू व किसान आंदोलन से पर्यटकों की आमद घटी है।