Hindi Diwas 2019: यहां स्कूलों में भाषा का ज्ञान देने वालों की कमी, जानिए आंकड़ा
Hindi Diwas 2019 प्रदेश के 500 से अधिक सरकारी स्कूलों में भाषा का ज्ञान देने वाला कोई नहीं है।
शिमला, जेएनएन। Hindi Diwas 2019, प्रदेश सरकार बच्चों को हिंदी भाषा का ज्ञान देने के दावे तो कर रही है, लेकिन यह दावे जमीनी स्तर पर पूरी तरह से हवा हवाई साबित हो रहे हैं। प्रदेश के 500 से अधिक सरकारी स्कूलों में भाषा का ज्ञान देने वाला कोई नहीं है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में भाषा अध्यापकों के 558 रिक्त हैं ऐसे में इन स्कूलों में बच्चों को भाषा का ज्ञान रामभरोसे ही चल रहा है।
केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के संबंध में भी प्रदेश सरकार ने मातृभाषा में शिक्षा देने का सुझाव दिया है, लेकिन शिक्षा विभाग के पास भाषा अध्यापकों की कमी खल रही है। जिन स्कूलों में भाषा अध्यापक पद रिक्त हैं वहां पर संस्कृत और हिंदी पढ़ाने के लिए फिलहाल दूसरे शिक्षकों का सहारा लिया जा रहा है। स्कूलों में भाषा अध्यापकों के पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं। ऐसे में स्कूलों के बच्चे हिंदी और संस्कृत के कमजोर ज्ञान के साथ अगली कक्षा में जा रहे हैं। इस प्रकार से देश का भविष्य अपनी मातृ भाषा में कमजोर रह रहा है।
अलग से कोर्स का नहीं प्रावधान
भाषा अध्यापक संस्कृत और हिंदी विषय को पढ़ाते हैं। प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों के बच्चों को गुणात्मक शिक्षा मुहैया करवाने के साथ-साथ संस्कारवान बनाने का भी दावा करती है। अन्य विषयों के अध्यापकों की तरह भाषा अध्यापक के लिए कोई विशेष डिप्लोमा या डिग्री का प्रावधान नहीं है स्नातक, बीएड करने व ङ्क्षहदी विषय में एमए, एमफिल करने वाले इस पद के लिए पात्र होते हैं।
भाषा अध्यापक के कहां कितने पद खाली
- बिलासपुर,42
- चंबा,56
- हमीरपुर,27
- कांगड़ा,157
- किन्नौर,6
- कुल्लू,17
- स्पीति, 2
- केलांग,3
- मंडी,77
- शिमला,61
- सिरमौर,33
- सोलन,29
- ऊना,48
- कुल,558