करोड़ों का कारोबार पर सुविधाओं की दरकार
Lack of facilities in jasoor market व्यावसायिक कस्बे जसूर में अभी तक मुख्य तौर पर कोई भी बस स्टैंड नहीं है।
जसूर, अश्वनी शर्मा। व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कस्बा जसूर उपमंडल नूरपुर का मुख्य केंद्र बिंदु है। साथ ही प्रदेश का प्रवेश द्वार होने के कारण सैकड़ों लोग गंतव्य तक पहुंचने के लिए बस सेवा के लिए जसूर आते हैं। साथ ही यहां रोजाना करोड़ों का कारोबार होता है, लेकिन कस्बे के मुख्य बस स्टॉप पर वर्षाशालिका न होने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा जसूर में अभी तक मुख्य तौर पर कोई भी बस स्टैंड नहीं है। हाल ही में सरकार ने जसूर के समीप जाच्छ स्थित हिमाचल पथ परिवहन निगम की कर्मशाला में बस स्टैंड बनाने की योजना प्रस्तावित की है।
साथ ही पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन के तहत लाने की कवायद भी चल रही है, लेकिन ये योजनाएं कब साकार रूप लेंगी, यह भविष्य की बात है। कस्बे में दो प्रमुख बस स्टॉप हैं और यहां प्रतिदिन सैकड़ों लोग बसों का इंतजार करते हैं। आलम यह है कि तपती धूप हो या आसमान से बादल बरस रहे हों, यदि किसी यात्री ने गंतव्य तक पहुंचने के लिए बस का इंतजार करना है तो उसेबैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। मजबूरी में यात्रियों को फुटपाथ पर बैठकर या खड़े रहकर इंतजार करना पड़ता है। जसूर में हैं दो बस स्टॉप जसूर में दो बस स्टॉप हैं। एक मुख्य चौक में है और इसे धमेटा चौक के नाम से जाना जाता है।
इस बस स्टॉप से रोजाना लोग धमेटा, राजा का तालाब, तलवाड़ा, चंडीगढ़, दिल्ली, जवाली, गंगथ, इंदौरा, कांगड़ा, धर्मशाला, पठानकोट, चंबा व भरमौर के लिए बसों का इंतजार करते हैं। दूसरा बस स्टॉप डाकघर के समीप है और यहां से भी लोग पठानकोट, लोधवां, राजा का बा़ग, नागाबाड़ी, बरंडा, रिट, कंडवाल, डमटाल, खन्नी, बदूही व परगना के लिए बसों के इंतजार के लिए पहुंचते हैं। जिला चंबा के साथ सटा होने के कारण इस क्षेत्र के लोग भी यहीं से गुजरते हैं। रेन शेल्टर न होने से बच्चों व महिलाओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 2015 में एनएच विस्तारीकरण के कारण वर्षाशालिका निर्माण की भेंट चढ़ गई थी।
मुख्य चौक पर रोजाना हजारों यात्री बसों का इंतजार करते हैं, लेकिन रेन रेल्टर न होने से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दोनों स्थानों पर जल्द से जल्द वर्षाशालिका बनाई जानी चाहिए। -तिलक राज शर्मा।
बाजार के दोनों भागों पर स्थित बस स्टॉपेज पर रोजाना असंख्य यात्री आते हैं लेकिन उन्हें बैठने के लिए सुविधा नहीं है। साथ ही बारिश व धूप से बचने के लिए वर्षाशालिका भी नहीं है। प्रशासन को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए। -बंटी चौधरी।
डाकघर के समीप बस स्टॉप में शहरी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों से रोजाना लोग आते हैं लेकिन यहां सुविधाओं का अभाव है। सड़क विस्तारीकरण के दौरान रेन शेल्टर को उखाड़ दिया गया था। सड़क निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। -सुच्चा सिंह गिल।
बारिश के दौरान या तो लोग भीगने के लिए मजबूर होते हैं या फिर उन्हें आसपास की दुकानों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ऐसे में दुकानदारों का कारोबार भी प्रभावित होता है। सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है। उन्हें बच्चों को साथ लेकर धूप और बारिश में खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। -रघुनाथ शर्मा।
गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। धूप में खड़े होने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्रशासन को जनता की सुविधा के लिए दोनों ही जगह उचित प्रबंध करने चाहिए। यात्रियों के बैठने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए। -तरसेम शर्मा।
आचार संहिता के कारण कोई भी नया कार्य नहीं हो सकता है। आचार संहिता हटते ही समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। -सुरेंद्र ठाकुर एसडीएम नूरपुर।
पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग अब फोरलेन के तहत है और औपचारिकताएं पूरी करने का कार्य जारी है। योजना जब धरातल पर आएगी तभी पता चल पाएगा कि लोगों की सुविधा के लिए कौन से स्थान चिह्नित किए जाते हैं। -सतीश नाग, तकनीकी सलाहकार एनएचएआइ।
जाच्छ स्थित हिमाचल पथ परिवहन निगम की कर्मशाला में आधुनिक सुविधाओं से युक्त बस स्टैंड बनाने का शिलान्यास हो चुका है। बस स्टैंड बनने से यात्रियों को लाभ मिलेगा। बस स्टॉपों पर लोगों को रेन शेल्टर की सुविधा के लिए संबंधित विभाग से विचार विमर्श किया जा रहा है। -राकेश पठानिया, विधायक नूरपुर।