Kullu Dussehra: 150 किलोमीटर दूर से देवी-देवताओं ने किया कुल्लू दशहरा के लिए प्रस्थान, नहीं टूटा यह रिकार्ड
Kullu Dussehra 2022 अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव को लेकर रविवार को 150 किलोमीटर दूर आउटर सिराज आनी निरमंड से देवी-देवता रवाना हो गए। इसमें आनी के खुड्डीजल देवता टकरासी नाग देवता कोट भझारी अपने लाव लश्कर के साथ दशहरा उत्सव को रवाना हो गए।
कुल्लू, संवाद सहयोगी। Kullu Dussehra 2022, पांच से 11 अक्टूबर तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव को लेकर रविवार को 150 किलोमीटर दूर आउटर सिराज आनी निरमंड से देवी-देवता रवाना हो गए। इसमें आनी के खुड्डीजल देवता, टकरासी नाग, देवता कोट भझारी अपने लाव लश्कर के साथ दशहरा उत्सव को रवाना हो गए। देवता के कारकून और देवलु भी शामिल हैं। देवताओं के वाद्ययंत्रों ढोल-नगाड़े, नरसिंघे, करनाल और शहनाई को भी विशेष रूप से उत्सव के लिए सजाया गया है। आनी खंड कारदार संघ के प्रधान भागे राम राणा ने कहा आनी खंड से तीन देवता दशहरा उत्सव को रवाना हो गए हैं। इनके लिए कुल्लू में टेंट लगने शुरू हो गए हैं, जबकि गड़सा घाटी के देवता नारदमुनी और जमदग्नि ऋषि, आराध्य देव महर्षि दुर्वासा आज सोमवार को अपने मंदिर से प्रस्थान करेंगे। सभी देवी-देवताओं के कारकूनों ने देवता को सजाना आरंभ कर दिया है।
आज प्रस्थान करेंगे सभी देवी-देवता
गड़सा घाटी के कारदार संघ के प्रधान डोला ठाकुर ने बताया कि आज सोमवार को घाटी के देवी देवता दशहरा उत्सव को प्रस्थान करेंगे। इसके अतिरिक्त सैंज घाटी से देवी आशापुरी ने भी कुल्लू को प्रस्थान कर दिया है। दशहरा उत्सव में हर वर्ष सैकड़ों देवी-देवता भाग लेते हैं।
एक बार ही पहुंचे हैं रिकार्ड 365 देवी-देवता
देवी-देवताओं में प्रशासनिक रिकार्ड में सबसे अधिक 365 देवी-देवताओं के आने का रिकार्ड है। उसके बाद कभी देवी-देवताओं की दशहरा में आने को लेकर संख्या में कमी आती रही है। पिछले करीब एक दशक से उत्सव में आने वाले देवी-देवताओं का आंकड़ा 232 से लेकर पौने तीन सौ तक रहा है। ऐसे में इस बार संख्या में इजाफा हो सकता है।
देवताओं ने दशहरा के लिए किया प्रस्थान
जिला देवी देवता कारदार संघ कुल्लू के अध्यक्ष दोत राम ने कहा जिलेभर के दूर दराज से देवी देवी देवताओं ने अपने देवालय से दशहरा उत्सव के लिए प्रस्थान कर दिया है। सभी को बैठने के लिए उचित स्थान मिले, इसका पूरा प्रयास किया गया है।