हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष बोले, सीमाओं को लेकर गंभीर नहीं सरकार, मुख्यमंत्री और मंत्री के बयान परस्पर विरोधी
Himachal Boundary with China कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि लाहुल-स्पीति और किन्नौर के साथ लगती सीमा पर बढ़ती चीनी गतिविधियों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मार्कंडेय के बयान परस्पर विरोधी हैं।
शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Boundary with China, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि लाहुल-स्पीति और किन्नौर के साथ लगती सीमा पर बढ़ती चीनी गतिविधियों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मार्कंडेय के बयान परस्पर विरोधी हैं। यहां जारी बयान में राठौर ने कहा कि प्रदेश के साथ लगती सीमाओं को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। पिछले साल यहां चीनी सैनिकों की गतिविधियों व सड़क निर्माण की एक वीडियो स्थानीय लोगों ने बनाई थी। उसके बाद प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने चीनी सैनिकों के सीमा से 20 किलोमीटर अंदर घुसने की बात कही थी।
उस समय पूर्व सांसद स्वर्गीय रामस्वरूप शर्मा ने ठीक इसके विपरीत किसी भी प्रकार की घुसपैठ को नकारा था। आज उसी प्रकार मार्कंडेय मुख्यमंत्री के बयान के विपरीत बोल रहे हैं कि वहां ऐसी कोई भी गतिविधि नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से जानना चाहा है कि दोनों नेताओं के बयान में परस्पर विरोध क्यों है।
राठौर ने कहा कि लाहुल-स्पीति और किन्नौर के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले प्रदेशवासियों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है। यहां चीन की बढ़ती गतिविधियों से किन्नौर के कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने भी अपनी चिंता जाहिर करते हुए सरकार को आगाह किया था।
नुकसान का मुआवजा दे सरकार : राठौर
शिमला। कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश में हुई ओलावृष्टि से हुए किसानों व बागवानों के नुकसान का मुआवजा सरकार से देने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द इस नुकसान का आकलन कर लोगों को फौरी राहत दे। बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि ने इस बार किसानों व बागवानों की फसलों का काफी नुकसान किया है। राठौर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि वह राजस्व विभाग को नुकसान का जायजा लेने के आदेश दें। राठौर ने सरकार से इस साल कृषि ऋण के ब्याज से छूट की मांग की। उन्होंने बढ़ती महंगाई से भी लोगों को राहत देने की मांग करते हुए डिपुओं से मिलने वाले तेल और दालों के बड़े मूल्यों को भी वापस लेने की मांग की है।