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कांगड़ा-चंबा में हरियाली लाएगा केएफडब्ल्यू

संवाद सहयोगी धर्मशाला हिमाचल प्रदेश फोरेस्ट ईको सिस्टम एंड क्लाइमेंट प्रूफिग प्रोजेक्ट (के

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 09:30 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 09:30 PM (IST)
कांगड़ा-चंबा में हरियाली लाएगा केएफडब्ल्यू
कांगड़ा-चंबा में हरियाली लाएगा केएफडब्ल्यू

संवाद सहयोगी, धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश फोरेस्ट ईको सिस्टम एंड क्लाइमेंट प्रूफिग प्रोजेक्ट (केएफडब्ल्यू) जिला कांगड़ा व चंबा में हरियाली लाएगा। इस बार बरसात के मौसम में दोनों जिलों की 1850 हेक्टेयर भूमि पर 14 लाख पौधे रोपे जाएंगे। इसके लिए केएफडब्ल्यू ने वन विभाग के वनमंडलों के तहत आते स्टाफ को प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया है। इस कड़ी में वनमंडल धर्मशाला के अधिकारियों व कर्मचारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हो गया। इस प्रशिक्षण में केएफडब्ल्यू के मुख्य परियोजना निदेशक आरएस बनियाल स्वयं मौजूद रहे। प्रशिक्षण में जानकारी दी गई कि वनमंडल धर्मशाला की 300.12 हेक्टेयर भूमि में दो लाख, 30 हजार पौधे रोपे जाएंगे। इस अभियान को विलेज फोरेस्ट कमेटियों के सहयोग से अमलीजामा पहनाया जाएगा। केएफडब्ल्यू के तहत होने वाले पौधारोपण के लिए बकायदा ग्रामीण क्षेत्रों में विलेज फोरेस्ट मैनेजमेंट सोसायटी के सुझाव अनुसार ही पौधे रोपे जाएंगे। कमेटियां के सुझाव अनुसार चारे वाले पौधों के साथ उन पौधों का पौधारोपण होगा, जो भविष्य में पेड़ बनने पर इमारती लकड़ी देते हैं, जिससे की क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ उन क्षेत्रों के लोगों को भी लाभ मिले, जहां पर पौधारोपण होगा।

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वनमंडल धर्मशाला के डीएफओ संजीव शर्मा के मुताबिक वनमंडल कार्यालय के तहत आते स्टाफ, जिनमें वनरक्षकों को भी प्रशिक्षण दे दिया गया है। दो दिन चले प्रशिक्षण कार्यक्रम के पूरा होने के बाद अब विलेज फोरेस्ट मैनेजमेंट सोसायटियों के सहयोग से केएफडब्ल्यू के तहत किए जाने वाले पौधारोपण को सफल बनाया जाएगा। इसके लिए जल्द माइक्रो प्लान बनेगा और धरातल पर विलेज फोरेस्ट मैनेजमेंट सोसायटियों के सहयोग से पौधारोपण शुरू हो जाएगा।

उधर, केएफडब्ल्यू के मुख्य परियोजना निदेशक आरएस बनियाल की माने तो केएफडब्ल्यू के तहत कांगड़ा व चंबा जिलों की 1850 हेक्टेयर भूमि पर 14 लाख के करीब पौधे रोपे जाएंगे। इसके लिए हर वनमंडल में अलग-अलग से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वनमंडल धर्मशाला का प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्ण हो चुका है।


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