पठानकोट-जागेंद्रनगर रेलमार्ग पर रेलगाड़ी तो आई पर बढ़े हुए न्यूनतम किराये ने किया मायूस
Kangra Valley Train पठानकोट जोगेंदनगर रेलमार्ग पर एक रेलगाड़ी शुरू हो गई है। इस रेलगाड़ी के चलने से जहां कुछ लोगों में खुशी देखने को मिली तो कुछ मायूस पाए गए। मायूसी इस बात की थी कि रेलवे बोर्ड ने न्यूनतम किराया दस से बढ़कर 30 रुपये कर दिया है।
नगरोटा सूरियां, जेएनएन। पठानकोट जोगेंदनगर रेलमार्ग पर एक रेलगाड़ी शुरू हो गई है। इस रेलगाड़ी के चलने से जहां कुछ लोगों में खुशी देखने को मिली तो कुछ मायूस पाए गए। मायूसी इस बात की थी कि रेलवे बोर्ड ने न्यूनतम किराया दस रुपये से बढ़कर 30 रुपये कर दिया है। इससे एक या दो स्टेशनों का सफर करने वाले यात्रियों को रेलगाड़ी का कोई भी फायदा नहीं होगा। नगरोटा सूरियां से गुलेर का बस किराया 25 रुपये है, जबकि रेलगाड़ी का 30 रुपये हो गया है।
सुबह दस बज कर दस मिनट पर पठानकोट से सात सवारियों को लेकर यह रेलगाड़ी दोपहर बाद एक बजकर 10 मिनट पर नगरोटा सूरियां रेलवे स्टेशन पर पहुंची। रेलगाड़ी के चलने से पिछले 11 महीनों से वीरान पड़े रेलवे स्टेशनों पर रौनक फिर लौट आई। नगरोटा सूरियां रेलवे स्टेशन पर जोगेंद्रनगर की ओर जाने वाली सवारियों ने सुबह 11 बजे ही पहुंचना शुरू कर दिया।
रेलगाड़ी के चलने से पालमपुर सेना में भर्ती के लिए जाने वाले युवकों में खुशी की लहर देखने को मिली। सेना में भर्ती के लिए पालमपुर जाने के लिए नगरोटा सूरियां रेलवे स्टेशन पर रेलगाड़ी का इंतजार कर रहे गलुआ के रितिक व सुगनाड़ा गांव के केशव कौंडल का कहना है कि रेलगाड़ी से चलने से उनका सफर सड़क रास्ते से 170 रुपये की बजाय रेलमार्ग से मात्र 40 रुपये का हो गया है। रेलमार्ग पर पठानकोट से जोगेंद्रनगर का किराया 50 रुपये है, जबकि सड़क मार्ग से 225 रुपये किराया देकर सफर करना पड़ता है।
पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलमार्ग पर न्यूनतम 30 रुपये व अधिकतम 50 रुपये किराया है। पिछले साल कोरोना काल से पहले न्यूनतम 10 रुपये और अधिकतम 30 रुपये किराया था। वहीं कर्मचारियों को इस रेलगाड़ी के चलने से कोई फायदा नहीं हुआ है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सभी रेलगाड़ियां शुरू नहीं होती तब तक रोजाना सफर करने वाले कर्मचारियों व व्यापारियों को इसका कोई फायदा नहीं होगा।
लुनसु निवासी पुरुषोत्तम का कहना है कि पूरे एक साल बाद रेलगाड़ी से सफर करने को मिल रहा है। उनका कहना है कि नगरोटा सूरियां से गुलेर तक का किराया 25 रुपये है, जबकि रेलमार्ग से किराया 30 रुपये है। रेलमार्ग से अब केवल लंबी दूरी का सफर तय करने वालों को ही फायदा है, जबकि एक या दो रेलवे स्टेशनों तक का सफर करने वालों को इसका कोई भी फायदा नहीं होगा।
पहले दिन पठानकोट, तलाड़ा व जवाली में सात-सात, नगरोटा सूरियां में 15 सवारियां बैठी। रेलगाड़ी में सात की जगह चार डिब्बे लगे थे और 44 सवारियों वाले एक डिब्बे में औसतन 20 सवारियां कोविड-19 का पालन करते हुए बैठी थीं। जबकि महिला आरक्षित डिब्बे में मात्र एक महिला ही सफर कर रही थी।