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हृदय रोग से बचाएगा कांगड़ा चाय का कैप्सूल, त्वचा निखारने और कैंसर से बचाने में भी है सहायक; जानिए

Kangra Tea Capsules यदि आप हृदय रोग और मोटापे से परेशान हैं तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं होगी। आपकी इस समस्या का समाधान करेगा कांगड़ा चाय से बना कैप्सूल।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 12:34 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 12:34 PM (IST)
हृदय रोग से बचाएगा कांगड़ा चाय का कैप्सूल, त्वचा निखारने और कैंसर से बचाने में भी है सहायक; जानिए
हृदय रोग से बचाएगा कांगड़ा चाय का कैप्सूल, त्वचा निखारने और कैंसर से बचाने में भी है सहायक; जानिए

पालमपुर, शारदाआनंद गौतम। यदि आप हृदय रोग और मोटापे से परेशान हैं तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं होगी। आपकी इस समस्या का समाधान करेगा कांगड़ा चाय से बना कैप्सूल। जी हां! यह संभव हुआ है हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर की बदौलत। कैप्सूल की खासियत यह भी है कि इसे खाने से त्वचा में निखार आता है और कैंसर से भी बचा जा सकता है। साथ ही इसे आप नाश्ते के दौरान खाते हैं तो आपको दिनभर चाय पीने की जरूरत भी नहीं होगी। संस्थान ने वर्ष 2015 से इस पर शोध कार्य शुरू किया था और अब सफलता मिली है।

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ऐसे तैयार होता है कैप्सूल

कांगड़ा चाय के पौधों में शुरुआती दौर में जो पत्तियां आती हैं उन्हें तोड़ा जाता है और इनसे ही कैप्सूल तैयार किया जाता है।  साथ ही इसमें कुछ मात्रा अश्वगंधा की भी मिलाई गई है। 500 मिलीग्राम के एक कैप्सूल में 300 मिलीग्राम के लगभग कांगड़ा चाय और बाकी गिलोय व अश्वगंधा को रखा गया है। एक कैप्सूल 20 रुपये का है और बाजार में 30 की पैकिंग को उतारा गया है। एक दिन में एक या दो कैप्सूल का सेवन किया जा सकता है।

यहां होती है कांगड़ा चाय की पैदावार

हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा चाय की पैदावार कांगड़ा, मंडी और चंबा जिलों के कुछ हिस्सों में होती है। सबसे अधिक कांगड़ा चाय धर्मशाला, पालमपुर और बैजनाथ उपमंडलों में होती है। जिला मंडी के जोगेंद्रनगर और चंबा के भटियात उपमंडल में भी चाय की पैदावार होती है। प्रदेश में अब करीब 1200 हेक्टेयर क्षेत्र में ही चाय का उत्पादन होता है। हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान ने कांगड़ा चाय को प्रमोट करने के लिए वेल्यू एडिशन के बाद कई प्रकार के उत्पाद तैयार किए हैं।

क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

  • कांगड़ा चाय से कैप्सूल तैयार किया है। संस्थान ने तकनीक को विकसित कर वैद्यनाथ फार्मास्यूटिकल कंपनी को दिया है। कंपनी प्रमुखता से इस तकनीक की मदद से कैप्सूल बना रही है। -डॉ. संजय कुमार, निदेशक हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर।
  • कांगड़ा चाय के एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण इससे तैयार किया गया कैप्सूल हृदय रोग से बचाने, वजन कम करने और त्वचा को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है। -डॉक्टर काशिका डोगरा, विशेषज्ञ डीएवी आयुर्वेदिक कॉलेज व अस्पताल जालंधर।

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