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धर्म, अध्यातम के साथ रोजगार भी पाएगा कांगड़ा का यह गांव

Gopalpur villager get employment अब गुजरेहड़ा में धर्म और अध्यातम के साथ रोजगार सृजन का काम भी होगा।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 12:10 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 05:42 PM (IST)
धर्म, अध्यातम के साथ रोजगार भी पाएगा कांगड़ा का यह गांव
धर्म, अध्यातम के साथ रोजगार भी पाएगा कांगड़ा का यह गांव

नगरी/पालमपुर, कार्तिक शर्मा। गोपालपुर पंचायत का गुजरेहड़ा गांव शुक्रवार को वीवीआइपी बन गया। अब गुजरेहड़ा में धर्म और अध्यातम के साथ रोजगार सृजन का काम भी होगा। यह सब संभव हो पाया है आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रवि शंकर के कारण। धौलाधार पर्वत श्रृंखला के सामने बसे गुजरेहड़ा गांव में अधिकांश गुज्जर समुदाय से संबंधित लोग रहते हैैं। यही कारण है कि गांव का नाम गुजरेहड़ा पड़ गया। गोपालपुर पंचायत का वार्ड नंबर छह और सात यहां पर पड़ता है। ऊंची पहाड़ी है और धौलाधार का खूबसूरत नजारा यहां से देखते ही बनता है। लिहाजा देश के विभिन्न भागों से पहुंचे आर्ट ऑफ लिविंग के सदस्यों ने यहां पर प्राकृतिक खूबसूरती का जी भरकर दीदार किया।

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मगर अब यहां पर व्यक्ति विकास केंद्र के बनने के बाद गुजरेहड़ा गांव आर्ट ऑफ लिविंग के लिए भी जाना जाएगा। शुक्रवार को यहां पर ज्ञान की ऐसी गंगा बही कि सारा वातावरण भक्तीमय हो उठा। सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक यहां पर आर्ट ऑफ लिविंग के हजारों सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। उनके सभी आगुंतकों का हाथ जोड़ कर स्वागत करने के तरीके ने जहां मन मोह लिया, वहीं ग्रामीण भी अभिभूत हो उठे। ऐसे में आर्ट ऑफ लिङ्क्षवग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर ने जिस प्यार से उनसे यह पूछा कि आप लोग यहां पर व्यक्ति विकास केंद्र के बनने से खुश है क्या। यह सुनकर वह अभिभूत हो उठे और ऊंची आवाज में स्वीकृति भर कर उन्हें अपना उत्तर दिया।

ऐसे में श्री श्री रवि शंकर ने स्थानीय लोगों से कहा कि यहां पर अब रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। इसके बाद पहाड़ी भजनों का यहां पर दौर चला। स्थानीय पंचायत गोपालपुर के प्रधान अनिल कुमार और उपप्रधान हरी राज को तो यह दिन भुलाए नहीं भुलेगा, क्योंकि जिस संत के दर्शन करने के लिए लाखों लोग कतारों में खड़े होते हैैं, उन्होंने उन्हें अपने हाथों से सम्मान दिया। स्थानीय निवासी सन्नी कुमार, नवीश गुज्जर, राकेश गुज्जर, राकेश, संजय, प्रवीण आदि ने कहा कि अब उनके बच्चों को भी यहां पर धर्म-अध्यातम के बारे में जानकारी मिलेगी।

उन्होंने बताया कि आर्ट ऑफ लिङ्क्षवग संस्था ने योग और अध्यातम को लेकर देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी अपनी पहचान बनाई है। अब उस संस्था का ही एक केंद्र यहां पर बनेगा तो उसका सीधा लाभ उन्हें मिलेगा। संस्था के अधिकारियों ने उन्हें यहां पर बताया है कि यहां पर रोजगार सृजन को लेकर विभिन्न प्रकार के कोर्स को भी करवाया जाएगा। साथ ही यहां की प्राकृतिक खूबसूरती को बिना कोई नुकसान पहुंचाए यहां पर चरणबद्ध तरीके से काम करवाया जाएगा। वर्तमान में गुजरेहड़ा में जहां प्राथमिक पाठशाला है, वहीं ऊंची पहाड़ी पर सराय भी बनाई गई है। इस सराय के साथ ही व्यक्ति विकास केंद्र की आधारशिला को रखा गया है।


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