सेना से पेंशन लाभ नहीं मिल रहा, तो सरकार की वित्तीय सहायता पेंशन का उठाएं लाभ
सैनिक कल्याण बोर्ड उपनिदेशक स्कवाड्रन लीडर मनोज राणा ने सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों की विभिन्न समस्याएं सुनी और उन्हें समाधान के सुझाव दिए
मुनीष गारिया, धर्मशाला। सेना में रहे सैनिक और उनके आश्रित, जिनकों सेना से पेंशन लाभ नहीं मिलता, उनके लिए प्रदेश सरकार से ओर से वित्तीय सहायता पेंशन दी जाती है। प्रदेश सरकार ने पहली अक्टूबर से अधिसूचना जारी कर पेंशन में भी वृद्धि कर दी है। अब यह पेंशन 500 रुपये प्रतिमाह से बढ़कर तीन हजार रुपये हो गई है। दैनिक जागरण सिटी ऑफिस धर्मशाला में वीरवार को हेलो जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के जिला सैनिक कल्याण बोर्ड उपनिदेशक स्कवाड्रन लीडर मनोज राणा ने सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों की विभिन्न समस्याएं सुनी और उन्हें समाधान के सुझाव दिए, अधिकतर समस्याएं पेंशन से संबंधित थीं।
उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में प्रदेश में सबसे अधिक पूर्व सैनिक और उनके आश्रित हैं। मौजूदा समय में कांगड़ा के कुल 61 हजार तीन सौ 10 पूर्व सैनिक व उनके आश्रित हैं। इनमें 47 हजार तीन हजार 71 पूर्व सैनिक, 364 युद्ध विधवाएं , 13 हजार सामान्य विधवाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सैनिक कल्याण बोर्ड पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों की समस्याओं के समाधान के लिए लगातार काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिस पूर्व सैनिक व उनके आश्रित जिन्होंने सेना में सेवाएं दी हैं, लेकिन किन्हीं कारणों से पेंशन सुविधा से वचिंत रहे हैं, उनके लिए प्रदेश सरकार की ओर से वित्तीय सहायता पेंशन की सुविधा है।
इससे पूर्व ऐसे पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को पांच सौ रुपये प्रति माह पेंशन दी जाती है, लेकिन एक अक्टूबर 2018 से इसकी राशि पांच सौ रुपये की बढ़ाकर तीन हजार रुपये कर दी है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से भी चार हजार रुपये वित्तीय सहायता पेंशन का प्रावधान है। वित्तीय सहायता पेंशन के लिए पूर्व सैनिक व उनके आश्रित की न्यूनतम आयु 60 वर्ष होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों की किसी भी समस्या को लेकर वह सीधे जिला सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं और लाभ प्राप्त कर सकते हैं।