उद्योगों ने पकड़ी रफ्तार, बिजली की खपत बढ़ी; राज्य विद्युत परिषद ने ली राहत की सांस
कफ्र्यू में मिली रियायतों के बाद उद्योगों के रफ्तार पकड़ते ही बिजली की खपत बढ़ गई है।
मंडी, हंसराज सैनी। कफ्र्यू में मिली रियायतों के बाद उद्योगों के रफ्तार पकड़ते ही बिजली की खपत बढ़ गई है। इससे राज्य विद्युत परिषद ने राहत की सांस ली है। उद्योगों में रोजाना बिजली की मांग पहली जून को 150 लाख यूनिट का आंकड़ा पार कर गई। अब अनलॉक-एक के बाद आने वाले एक-दो दिन में बिजली की मांग और बढऩे की संभावना जताई जा रही है।
कफ्र्यू के दौरान उद्योगों में बिजली की मांग घटकर रोजाना 40 लाख यूनिट रह गई थी। विद्युत परिषद को करीब 100 लाख यूनिट बिजली सस्ती दरों पर खुली बोली में बेचनी पड़ रही थी। इससे परिषद को आर्थिक नुकसान हो रहा था। प्रदेश के उद्योगों में सामान्य तौर पर रोजाना 185 लाख यूनिट बिजली की मांग रहती है।
इसमें 23 से 30 लाख यूनिट की मांग एसीसी, अंबुजा व अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र की रहती है। तीनों संयंत्रों में रोजाना 23 लाख यूनिट बिजली की खपत हो रही है। बिजली की सबसे अधिक 70 से 77 लाख यूनिट की मांग बीबीएन के उद्योगों में रहती हैं। परिषद के पनविद्युत प्रोजेक्टों व अन्य मदों से रोजाना 410 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है।
गर्मी बढऩे के साथ घरेलू खपत भी बढ़कर 100 लाख यूनिट तक पहुंच गई है। रोजाना 77 लाख यूनिट बिजली परिषद पंजाब व दिल्ली को बैंङ्क्षकग के रूप में दे रहा है। होटल रेस्टोरेंट व शिक्षण संस्थान खुलने से बिजली की रोजना खपत और बढऩे की उम्मीद है। कफ्र्यू के दौरान परिषद के प्रोजेक्टों में 254 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा था।
बीबीएमबी के प्रोजेक्टों में 42.74 मिलियन यूनिट अधिक उत्पादन
बीबीएमबी के भाखड़ा, पौंग, डैहर समेत अन्य प्रोजेक्टों में अप्रैल व मई में तय लक्ष्य से 42.74 मिलियन यूनिट अधिक बिजली उत्पादन हुआ है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने अप्रैल व मई में 1447 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन का लक्ष्य दिया था। इस अवधि में 2065.44 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन हुआ है।
एनटीपीसी कोलडैम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जारी
एनटीपीसी कोलडैम में निर्धारित 3055 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन के लक्ष्य को पार करते हुए 3449.60 मिलियन यूनिट उत्पादन किया है। जो पिछले वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में 14.45 प्रतिशत अधिक है। पिछले चार साल से लगातार पूरे देश के हाइड्रो पावर प्लांट में वार्षिक घोषित क्षमता के मामले में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा है।
उद्योगों के दोबारा शुरू होने से बिजली की खपत बढ़ी है। मांग रोजाना 150 लाख यूनिट का आंकड़ा पार कर गई है। -गगन कौरा, नियंत्रक राज्य भार प्रेषण केंद्र शिमला।