युवाओं को नशे से बचाएगा भारत की संस्कृति का ज्ञान : दलाईलामा
दलाईलामा ने कहा कि अपनी संस्कृति का ज्ञान न होने के कारण यहां के युवा नशे की ओर बढ़ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : भारत की भूमि और संस्कृति विश्व में सबसे बड़ी धार्मिक संस्कृति है। यह बहुत बुरी बात है कि इस धार्मिक भूमि के युवा नशे के गर्त में डूब रहे हैं। इसे रोकना चाहिए। युवा खुद प्रयास करें, यह तभी होगा। यह संदेश तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने युवाओं को दिया है। बुधवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कांगड़ा संतोष पटियाल तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा से मैक्लोडगंज में मिले। उन्होंने दलाईलामा से प्रदेश एवं देश के युवाओं के लिए नशे के संबंध में संदेश मांगा। इस पर दलाईलामा ने कहा कि लगता है धार्मिक देश भारत के युवा यहां की पवित्रता को नहीं जानते हैं।
अपनी संस्कृति का ज्ञान न होने के कारण यहां के युवा नशे की ओर बढ़ रहे हैं। अगर उन्हें ज्ञान होता तो ऐसा नहीं करते। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को चाहिए कि वे युवाओं को शांति का संदेश दें। उन्हें क्रोध और डर के नुकसान बताएं, ताकि युवाओं का मन शांत रहे। शांत मन से व्यक्ति का शरीर ठीक रहता है। नशे की ओर ध्यान कम जाता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए दिमाग भी स्वस्थ होना चाहिए। भारत में बुद्धिजीवियों को यहां की शिक्षा प्रणाली में सुधार एवं बदलाव के लिए योगदान देना चाहिए। युवाओं को देश की संस्कृति की जानकारी देने में आ रही बाधाओं को दूर करना चाहिए, तब ही युवाओं को नशे से दूर किया जा सकता है। पुलिस अधीक्षक संतोष पटियाल की दलाईलामा से इस मुलाकात का पांच मिनट का वीडियो कांगड़ा पुलिस के फेसबुक पेज में अपलोड किया गया है।
दलाईलामा के संदेश को हर युवा को देखना और उसका अनुसरण करना चाहिए।
संतोष पटियाल, पुलिस अक्षीक्षक कांगड़ा।