निजी बसों ने भी पकड़ी रफ्तार
जिला कांगड़ा में सरकारी के साथ निजी बसों के पहिए भी घूमने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : जिला कांगड़ा में सरकारी के साथ निजी बसों के पहिए भी घूमने लगे हैं। प्रदेश सरकार के 100 फीसद सवारियां बिठाने के फैसले के बाद भले ही कुछ निजी ऑपरेटर बसें नहीं चला रहे हैं, लेकिन अधिकतर ऐसे हैं जो जनहित में बसें जिला में ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में भी भेज रहे हैं। शुक्रवार को जिले में कुछ निजी बसों के रूट भी बढ़े और लगभग 225 बसें दौड़ी।
सूत्रों के अनुसार जिला कांगड़ा से बाहर जाने वाली निजी बसों के संचालकों को चेतावनी दी जा रही है कि वह ऐसा न करें। उन्हें कहा जा रहा है कि जब तक सरकार संचालकों के हित में कोई फैसला नहीं लेती है, तब तक बसें न चलाई जाएं। बावजूद इसके शुक्रवार को जिले में कई निजी बसें सड़क पर दौड़ती नजर आई। निजी बस ऑपरेटरों की मांगें
निजी बस ऑपरेटर किराये में वृद्धि, टैक्स में छूट की मांग 31 मार्च 2021 तक सुनिश्चित करने और बसों के रूट परमिट बदलने की समयसीमा सात वर्ष से बढ़ाकर 12 वर्ष करने की मांग कर रहे हैं। वहीं रूट परमिट हस्तांतरण प्रक्रिया पुन: क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी द्वारा सुनिश्चित करने की मांग उठाई जा रही है।
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हम सरकार के साथ हैं। जिला ही नहीं इससे बाहर भी बसें चलाई जा रही हैं। कुछ मांगें सरकार के समक्ष रखी हैं जो पूरी हो जाएं तो निजी ऑपरेटर को सुविधा मिलेगी। शुक्रवार को जिले के भीतर निजी बसों का संचालन बढ़ा है। सरकार से मांग है कि निजी बस संचालकों को सुरक्षा मुहैया करवाई जाए जो इस समय बसें चला रहे हैं।
हैप्पी अवस्थी, अध्यक्ष, जिला कांगड़ा निजी बस ऑपरेटर यूनियन