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यहां परिवार बनाम भाजपा हुआ मुकाबला

Mandi parliamentary constituency क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़े संसदीय हलके मंडी में सियासी पारा सिर चढ़कर बोल रहा है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 04:33 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 04:38 PM (IST)
यहां परिवार बनाम भाजपा हुआ मुकाबला
यहां परिवार बनाम भाजपा हुआ मुकाबला

धर्मशाला, नीरज आजाद। क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़े संसदीय हलके मंडी में सियासी पारा सिर चढ़कर बोल रहा है। सियासी जंग सुखराम परिवार बनाम भाजपा बन गई है। पौत्र आश्रय शर्मा को राजनीति में स्थापित करने के लिए पंडित सुखराम पूरी तरह फील्ड में उतर आए हैं। जयराम सरकार से मंत्रिपद से इस्तीफा देने के बाद अनिल शर्मा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर कई आरोप दागे। इसके बाद सुखराम के बयानों से उनकी महत्वाकांक्षा भी सामने आ गई है। सुखराम का कहना है कि अनिल शर्मा वरिष्ठ थे और भाजपा को उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए था। अन्य मंत्रियों के पास तीन-तीन विभाग हैं जबकि अनिल शर्मा को एक ही विभाग दिया गया था। इसके अलावा अनिल शर्मा के लिए लोकनिर्माण विभाग मांगा गया था लेकिन उन्हें ऊर्जा विभाग दिया गया।

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उधर भाजपा संगठन के अलावा जयराम सरकार के मंत्रियों ने अनिल शर्मा को खुली चेतावनी दे डाली कि अगर दम है तो अनिल शर्मा विधायक पद से भी त्यागपत्र दें। हालांकि अनिल शर्मा विधायक पद छोडऩे को तैयार नहीं हैं। पूर्व में मंडी हलका पंडित सुखराम व पूर्व मुख्यमंत्री के कारण सुर्खियों में रहा है। लेकिन इस बार पंडित सुखराम ने पौत्र आश्रय को कांग्र्रेस टिकट दिलाकर इसे देशभर में सुर्खियों में ला दिया है। गौतम गंभीर का राजनीतिक पिच पर भाजपा के लिए बैटिंग करना और उनके चाचा राजीव गंभीर का कांग्र्रेस के लिए प्रचार करना भी चर्चा में है। गौतम गंभीर की चचेरी बहन की शादी आश्रय शर्मा के साथ हुई है। इसी कारण राजीव गंभीर दामाद की जीत के लिए मंडी हलके में कांग्र्रेस प्रभारी के रूप में डटे हैं।

वर्चस्व की जंग

मंडी संसदीय सीट पर अब सुखराम परिवार व जयराम ठाकुर में वर्चस्व की जंग छिड़ चुकी है। जयराम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने के बाद जिले में उनका जनाधार बढ़ा है। उन पर अपने गृह जिले से पार्टी प्रत्याशी को जिताने का दारोमदार भी है। जयराम भी कांग्र्रेस के गढ़ में सेंध लगा रहे हैं। सदर हलके में सुखराम को भरपूर समर्थन मिलता रहा है लेकिन इस हलके से कई पंचायत प्रधानों को भाजपा में शामिल कर सुखराम को बड़ा झटका दिया था। इसे पंडित सुखराम परिवार ने गंभीरता से लिया। इसके बाद अनिल शर्मा ने मंत्रिपद से इस्तीफा दिया और जयराम पर आरोपों की झड़ी लगा दी। पंडित  सुखराम ने भी जयराम के खिलाफ बयान दिया। मुख्यमंत्री जयराम के साथ पार्टी संगठन खड़ा है लेकिन पंडित सुखराम के साथ अभी तक कोी भी बड़ा कांग्र्रेस नेता सामने नहीं आया है।

आश्रय को दादा, रामस्वरूप को पार्टी का साथ

आश्रय शर्मा दादा पंडित सुखराम की अंगुली पकड़ कर राजनीति की सीढिय़ां चढऩे की जुगत में हैं। उधर सांसद रामस्वरूप शर्मा के साथ पार्टी संगठन पूरी तरह खड़ा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अलावा मंत्री महेंद्र ठाकुर व गोबिंद ठाकुर फील्ड में डटे हैं। महिला सम्मेलन के बहाने पार्टी जनसंपर्क अभियान चलाए हुए हैं। कांग्र्रेस ने संसदीय सम्मेलन कर प्रचार अभियान शुरू कर दिया है लेकिन अभी तक पार्टी मंडी तक ही सीमित रही है। यह भी सच है कि मंडी में सुखराम का अच्छा प्रभाव रहा है। यहां के मतदाताओं पर उनकी मजबूत पकड़ रही है। सुखराम दावा भी करते हैं कि मंडी की जनता ने उनके परिवार को 17 बार जीत दिलाई है।

रामस्वरूप भी आक्रामक मूड में

सांसद रामस्वरूप काफी समय से फील्ड में जुटे हैं। टिकट मिलने के बाद वह क्षेत्र का दौरा भी कर चुके हैं। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से दूर रहे रामस्वरूप शर्मा अनिल शर्मा व उनके बेटे एवं कांग्र्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा के आरोपों के बाद आक्रामक हो गए हैं। उन्होंने विकास न करने के आरोप के बाद चुनौती तक दे डाली कि मेरे काम को देखना है तो इंटरनेट में खोज लें, सब दिख जाएगा। रामस्वरूप की सादगी को भी समर्थन मिल रहा है।

आश्रय को वीरभद्र से उम्मीद

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का इस हलके में खास प्रभाव है। उन्होंने व उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह ने यहां का प्रतिनिधित्व किया है। शिमला जिला का रामपुर विधानसभा क्षेत्र वीरभद्र का गृह क्षेत्र रहा है। इस क्षेत्र से कांग्र्रेस को अभूतपूर्व लीड मिलती रही है। आश्रय शर्मा आश्वस्त हैं कि वीरभद्र के आने से उन्हें भरपूर समर्थन मिलेगा। हालांकि वीरभद्र सिंह अभी तक मंडी नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने यह भी बयान दिया था कि आया राम, गया राम की राजनीति का समर्थन नहीं करता हूं। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के दौरान अनिल शर्मा के कांग्र्रेस छोड़ भाजपा में जाने से कांग्र्रेस को मंडी जिला में नुकसान हुआ था। पूर्व में भी पंडित सुखराम के भाजपा को समर्थन देने से वीरभद्र सत्ता में नहीं आ पाए थे।

गददी समुदाय का समर्थन

भरमौर विधानसभा हलके से कांग्र्रेस को समर्थन मिलता रहा है। लेकिन इस बार स्थितियां कुछ बदली हैं। भाजपा ने कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से इस समुदाय से किशन कपूर को टिकट दिया है। गद्दी समुदाय इसे अपने लिए सकारात्मक मान रहे हैं कि किसी राजनीति पार्टी ने उनके समुदाय से प्रत्याशी बनाया है। गद्दी बहुल हलके भरमौर के अलावा जोगेंद्रनगर हलके में भी गद्दी समुदाय के मतदाता हैं।


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