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गमगीन माहौल में स्वजन ने किया मासूम योगराज का अंतिम संस्कार, नहीं थम रहा था आंसुओं का सैलाब

पांच वर्षीय मासूम योगराज के शव का पुलिस ने रविवार को आइजीएमसी अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया। शिनाख्त और पोस्टमार्टम के बाद शव को स्वजन को सौंप दिया गया। रविवार दोपहर बाद स्वजन ने अंतिम संस्कार किया। जंगल में ही उसके शव को दफनाया गया।

By Virender KumarEdited By: Published: Sun, 07 Nov 2021 05:10 PM (IST)Updated: Sun, 07 Nov 2021 05:10 PM (IST)
गमगीन माहौल में स्वजन ने किया मासूम योगराज का अंतिम संस्कार, नहीं थम रहा था आंसुओं का सैलाब
गमगीन माहौल में स्वजन ने मासूम योगराज का अंतिम संस्कार किया । जागरण आर्काइव

शिमला, जागरण संवाददाता। पांच वर्षीय मासूम योगराज के शव का पुलिस ने रविवार को आइजीएमसी अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया। शिनाख्त और पोस्टमार्टम के बाद शव को स्वजन को सौंप दिया गया। रविवार दोपहर बाद स्वजन ने अंतिम संस्कार किया। जंगल में ही उसके शव को दफनाया गया।

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स्वजन ने गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार की रस्म को पूरा किया। अंतिम संस्कार में शोक संतप्त परिवार के रिश्तेदार मौजूद रहे। मां और पिता सहित अन्य रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल था। किसी के आंसू थम नहीं पा रहे थे। मां लगातार बच्चे को बचा न पाने का दु:ख मना रही थी तो वहीं पिता बाकी बच्चों को संभालते हुए खुद को लाचार मान रहा था।

वहीं, रिश्तेदारों और वन विभाग व पुलिस विभाग के कर्मियों ने परिवार को ढांढस बंधाने की भरपूर कोशिश की। दो दिन तक परिवार जहां बच्चे के मिलने के इंतजार में था वहीं अब बच्चे की तलाश खत्म हो गई।

योगराज के पिता केदार ने कहा कि वह इस घटना के लिए किसी को दोष नहीं देंगे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि बच्चों को अपनी नजरों के सामने रखें और किसी दूसरे के भरोसे अपने बच्चे न रखें। वहीं बच्चे के दादा भी अंतिम संस्कार के वक्त खुद को रोक नहीं पाए और फूट-फूट कर रोए। वन विभाग ने डाउनडेल बस्ती में घटनास्थल पर तेंदुए को पकडऩे के लिए दो ङ्क्षपजरे लगा दिए हैं।

डाउनडेल बस्ती की हो फेंसिंग

इस घटना के बाद डाउनडेल बस्ती में रह रहे लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में जंगल से सटी इस बस्ती की फेंसिंग होनी चाहिए। यह फेंसिंग कांटेदार होनी चाहिए, ताकि खूंखार जानवर बस्ती में प्रवेश न कर पाएं। लोगों का कहना है कि जंगल से सटा क्षेत्र होने के कारण यहां जंगली जानवरों के आने का खतरा रहता है। बच्चों पर तेंदुए के झपटने का यह दूसरा मामला है।


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