मंडी, जागरण संवाददाता। IIT Mandi Convocation Ceremony, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के दीक्षा समारोह में 452 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गई। वर्चुअल कार्यक्रम में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में बीटेक करने वाले ऋषि शर्मा को राष्ट्रपति पदक और अर्णव प्रसाद को निदेशक व मानवी गुप्ता को रानी गोंजाल्विस मेमोरियल पदक दिया गया। परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री प्रो. अनिल काकोदकर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। बोर्ड आफ गवर्नर्स के अध्यक्ष प्रो. प्रेमव्रत ने दीक्षा समारोह की अध्यक्षता की।

मुख्य अतिथि डा. अनिल काकोदकर ने कहा कि आज दुनिया सबसे कठिन दौर में है। आज के युग में सेमीकंडक्टर्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटिंग और टेलीकाम, एडवांस्ड एयरोस्पेस, फार्मास्यूटिकल्स जैसी उच्चतम प्रौद्योगिकियों का वर्चस्व है। जल्द ही कुछ अन्य नई प्रौद्योगिकियों का चलन होगा जो जेनेटिक्स, क्वांटम फिजिक्स, काग्निटिव और ब्रेन साइंस से संबंधित होंगी। इसके लिए युवा इंजीनियर की भागेदारी महत्वपूर्ण है।

आइआइटी मंडी के निदेशक प्रो. अजीत के चतुर्वेदी ने कहा कि कोविड की चुनौतियों के बावजूद छात्रों ने एक साल में चौतरफा सफलता हासिल की है। आइआइटी मंडी के बोर्ड आफ गवर्नर्स के अध्यक्ष प्रो. प्रेमव्रत ने कहा कि सभी विद्यार्थियों ने जो आइआइटी मंडी में रहने के दौरान जो सोच विकसित की उससे वह चुनौतियों से निपटने में सफल होंगे।

348 छात्र, 104 छात्राओं को मिली डिग्री

दीक्षा समारोह में 348 छात्र और 104 छात्राओं को डिग्रियां दी गई। इस वर्ष अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में 23, पोस्टग्रेजुएट एवं मास्टर्स में 69 और पीएचडी में 12 छात्राएं सफल रही हैं जो पिछले वर्षों की तुलना में अधिक हैं।

आइआइटी मंडी का पाठ्यक्रम बेहतर : ऋषि शर्मा

राष्ट्रपति पदक हासिल करने वाले ऋषि शर्मा ने कहा कि आइआइटी मंडी का पाठ्यक्रम भारत और यहां तक की कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के इंजीनियरिंग संस्थानों से बेहतर है। हिमालय की वादियों में चार साल शिक्षकों के मार्गदर्शन में बेहतरीन बीते हैं। शिक्षा के लिए इस तरह का बेहतरीन माहौल आइआइटी में बेहतर विद्यार्थी देने में मददगार है।

हम संस्थान को क्या वापस देंगे यह महत्वपूर्ण : अर्णव प्रसाद

निदेशक स्वर्ण पद से पुरस्कृत अर्णव प्रसाद ने कहा कि हमने आंखों के सामने संस्थान को विकसित होते देखा है। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि हमें संस्थान से क्या मिला बल्कि यह है कि हम वापस क्या योगदान देते हैं। हमारे बैच के बहुत से विद्यार्थियों को कई प्रतिष्ठित संगठनों और स्टार्टअप से शानदार आफर मिले, कुछ के शोध पत्र प्रकाशित हुए और कई अन्य विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए विदेश चले गए। सभी एक ब्रांड के रूप में आइआइटी मंडी का नाम रोशन कर रहे हैं।

Edited By: Rajesh Kumar Sharma