शिमला में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने मास्टर डिग्री के लिए आवेदन की बढ़ाई तिथि
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने जुलाई 2022 सत्र के लिए विभिन्न बैचलर / मास्टर डिग्री कार्यक्रमों में अगले वर्ष / सैमेस्टर के लिए पुनः पंजीकरण (Re-registration) फार्म भरने की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2022 तक बढ़ा दी गई है।
शिमला,जागरण संवाददाता। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने जुलाई, 2022 सत्र के लिए विभिन्न बैचलर / मास्टर डिग्री कार्यक्रमों में अगले वर्ष / सैमेस्टर के लिए पुनः पंजीकरण (Re-registration) फार्म भरने की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2022 तक बढ़ा दी गई है। जुलाई 2021 सत्र में विभिन्न बैचलर डिग्री तथा मास्टर डिग्री (यार्षिक पद्धति) तथा जनवरी 2022 सत्र में विभिन्न बैचलर डिग्री तथा मास्टर डिग्री (सेमेस्टर पद्धति) कार्यक्रमों में पहले से पंजीकृत सभी छात्र पुनः पंजीकरण (Re-registration) के लिए पात्र होंगे।
पुनः पंजीकरण के लिए लिंक इग्नू की वेबसाइट www.ignou.ac.in पर उपलब्ध है। अधिक जानकारी के लिए इग्नू के किसी भी नजदीकी अध्ययन केंद्र से या इग्नू क्षेत्रीय केंद्र, शिमला के दूरभाष संख्या 0177-2624612 य 2624613 पर संपर्क कर सकते हैं। प्रदेश भर से कई छात्र ऐसे थे जो तय समय पर आवेदन नहीं कर पाए थे। ये लोग इग्नू से मांग उठा रहे थे कि आवेदन की तिथि को बढाया जाए। इग्नू के इस फैंसले2से उन्हें राहत मिली है। इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डाक्टर जोगिंदर यादव ने कहा कि यदि किसी अभ्यर्थियों को किसी भी तरह की दिक्कत आ रही हैं तो वो इग्नू के नंबर पर फोन कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
बैचवाइज को नियुक्ति, कमीशन पास को इंतजार
शिमला : शास्त्री पोस्ट कोड 813 के 582 अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अभ्यर्थियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उन्हें जल्द नियुक्ति नहीं दी जाती तो वह सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि सात महीनों से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं।
रविवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत में आचार्य हीरा शर्मा ने कहा कि 1049 पद पर भर्ती के लिए शिक्षा विभाग की ओर से अधिसूचना निकाली गई थी, लेकिन बाद में 149 पद और जोड़कर लिखित परीक्षा करवाई गई। इसमें 50 प्रतिशत भर्ती कमीशन और 50 प्रतिशत भर्ती बैचवाइज आधार पर होनी थी। उसके बाद हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की ओर से जुलाई 2020 को आनलाइन आवेदन मांगे गए। 20 दिसंबर, 2020 को इसकी परीक्षा ली गई। एक साल के बाद रिजल्ट घोषित किया गया, जबकि बैचवाइज आधार पर नियुक्तियां दे दी गईं।
कमीशन से नियुक्ति के लिए एक साल से इंतजार कर रहे हैं और अब इस भर्ती पर स्टे लगा है। परीक्षा परिणाम आने के बाद दस्तावेजों की जांच भी हो गई थी। उन्होंने कहा कि जिस समय ये पद सृजित किए गए थे उस समय 50 प्रतिशत अंक की शर्त रखी गई थी, इसके साथ टेट पास अभ्यर्थी इसके लिए पात्र थे। कोर्ट में इन आरएंडपी रूल को चैलेंज किया गया, जिसके चलते अब तक भर्ती पर स्टे लगा है। ऐसे में सवाल है कि एक ही भर्ती में दो आरएंडपी रूल कैसे लागू किए जा सकते हैं। स्कूलों में अभी भी शास्त्री के 761 पद रिक्त चल रहे हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। अभ्यर्थियों का कहना है कि संस्कृत एक ऐसा विषय है जिसे अन्य कोई शिक्षक नहीं पढ़ा सकता। इस मामले में सात जुलाई को सुनवाई होनी है।