पेड़ उखड़े, छत्तें उड़ी, बिजली आपूर्ति बाधित
जागरण टीम पालमपुर/धर्मशाला सोमवार दोपहर बाद बारिश के साथ चले अंधड़ ने पालमपुर क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है।
जागरण टीम, पालमपुर/धर्मशाला : सोमवार दोपहर बाद बारिश के साथ चले अंधड़ ने पालमपुर क्षेत्र में खासा कहर बरपाया है। पालमपुर शहर में कई जगह पेड़ उखड़ गए और मकानों की छत्तें उड़ गई। खंभों के क्षतिग्रस्त होने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। नगर निगम कार्यालय पालमपुर के चार वाहन पेड़ गिरने से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
धर्मशाला बाईपास पर तूफान से मकान की छत उड़कर सड़क पर आ गिरी और इसकी चपेट में आने से कार के शीशे टूट गए। मुख्य बाजार में खाली टंकी के सड़क पर लुढ़कने से लोगों में अफरातफरी मच गई। पठानकोट-मंडी हाईवे पर पालमपुर से लेकर होल्टा तक 10 पेड़ गिर गए और इस कारण जाम लग गया। इस बाबत सूचना मिलते ही विभागीय मशीनरी मार्ग को बहाल करने में जुट गई थी। पालमपुर में खंभों के टूटने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। इसके अलावा एक पेड़ अस्थायी दुकान पर गिर गया। साथ ही निगम कार्यालय परिसर के सीता राम पार्क में देवदार के चार पेड़ गिरने से नगर निगम के चार वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। खंभों के गिरने से बिजली बोर्ड को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं, धर्मशाला में करीब एक घंटे तक बारिश होने से तापमान में गिरावट आई है और लोगों को गर्मी से राहत मिली है।
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सिविल अस्पताल डाडासीबा के गेट पर गिरी पेड़ की टहनियां
संवाद सूत्र, डाडासीबा : सिविल अस्पताल डाडासीबा के मुख्य गेट में पेड़ की टहनियां गिरने से लोग बाल-बाल बच गए। डाडासीबा में सोमवार को सफेदे के पेड़ की टहनियां गिर गई।
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अग्निशमन कर्मियों को राहत दे गई बारिश
धर्मशाला : बारिश अग्निशमन विभाग के कर्मियों को राहत दे गई है। हालांकि मई में कम अग्निकांड हुए हैं। रविवार को एक ही दिन चार अग्निकांड होने से अग्निशमन कर्मियों की दिक्कत बढ़ गई थी। अभी तक के फायर सीजन की बात की जाए तो अप्रैल में 62 अग्निकांड हो चुके हैं और तीन लाख, 80 हजार रुपये की संपत्ति को नुकसान हुआ है। ज्यादातर अग्निकांड जंगल में ग्राउंड फायर हुए हैं।
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मंड इंदौरा में उपजाऊ जमीन में लगी आग
संवाद सूत्र, इंदौरा : इंदौरा पंचायत के तहत मंड इंदौरा में ब्यास नदी के किनारे आग लग गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि समुदाय विशेष के लोगों ने खेतों में गेहूं के अवशेष जलाने के लिए आग लगाई थी, लेकिन दोपहर बाद चली हवा ने आग में घी का काम किया। देखते ही देखते आग ने सैकड़ों कनाल उपजाऊ भूमि को चपेट में ले लिया। इस बाबत सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने पशुधन को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया। घटनास्थल पर अग्निशमन विभाग की कोई भी गाड़ी नहीं पहुंची थी।