कई महिलाओं को नहीं मिला मुफ्त बस सेवा का लाभ
संवाद सहयोगी धर्मशाला रक्षाबंधन पर एचआरटीसी की मुफ्त बस सेवा को लेकर कई बहनों को माय
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : रक्षाबंधन पर एचआरटीसी की मुफ्त बस सेवा को लेकर कई बहनों को मायूसी हाथ लगी। घंटों इंतजार के बाद भी जब निगम की बस नहीं आई तो मजबूरन उन्हें निजी बसों में भाई के घर पहुंचना पड़ा।
कोरोना काल में पहले ही कम रूटों पर निगम की बसें दौड़ने से कई बहनों को बस सेवा का लाभ नहीं मिल पाया। डाडासीबा से 13 किलोमीटर दूर बनेड़ की निर्मला देवी को सुबह तो निगम की बस में यात्रा नसीब हुई, लेकिन वापसी के लिए उसे डाडासीबा से गंतव्य के लिए किराये पर वाहन करने को मजबूर होना पड़ा। वहींए पठियार की रुकमणि देवी को इंतजार के बाद भी निजी बस से कांगड़ा आना पड़ा। वहीं संस्थागत क्वारंटाइन सेंटरों में कोविड की ड्यूटी करके आए यहां पर रह रहे भाइयों को राखी पहनाने भी बहनें पहुंची।
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देहरा : एसडीएम देहरा धनबीर ठाकुर ने देहरा में क्वारंटाइन केंद्र में रखे गए लोगों संग रक्षाबंधन का त्योहार मनाया। एसडीएम ने ढलियारा महाविद्यालय में बने क्वारंटाइन सेंटर में लोगों के लिए राखियों, तिलक एवं मिष्ठान की व्यवस्था की। इस अवसर पर स्थानीय महिलाओं द्वारा हस्तनिर्मित राखियां सत्या सूद, जयंती शर्मा, सुमेधा सूद एवं प्रधान ग्राम पंचायत परागपुर सुदेश द्वारा उपलब्ध करवाई गई।
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सोचा था सरकारी बस में बैठकर भाई को राखी बांधने कांगड़ा जाउंगी, लेकिन काफी देर इंतजार के बाद भी निगम की बस नहीं मिली। मजबूरी में निजी बस में सफर करना पड़ा।
-रुकमणि देवी, चाहड़ी पठियार
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सुबह भाई को राखी बांधने के लिए निगम की बस में डाडासीबा आई थी, लेकिन दोपहर एक बजे के बाद डाडासीबा से संसारपुर टैरेस की तरफ कोई भी निगम की बस नहीं है।
-निर्मला देवी, बनेड़ डाडासीबा
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योल-53 मील सड़क पर परिवहन निगम की केवल दो ही बस सेवाएं हैं। जिस कारण रक्षाबंधन पर भी नि:शुल्क बस सेवा का लाभ नहीं मिल पाया है। निगम को बसों की संख्या बढ़ानी चाहिए थी।
-आशा देवी, धलूं
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निगम की बस का काफी समय तक इंतजार किया, लेकिन नहीं आई। जिस पर निजी बस में ही सफर करना पड़ा। बसों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए थी।
-मंजू, घरोह
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एचआरटीसी के धर्मशाला मंडल के तहत आते डिपुओं में शाम चार बजे तक 187 रूटों पर बसें दौड़ी हैं। रक्षाबंधन को ध्यान रखते हुए आवश्यकतानुसार बसें चलाई गई हैं, ताकि बहनों को भाइयों की कलाई पर राखी बांधने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
-राजकुमार जरयाल, मंडलीय प्रबंधक एचआरटीसी धर्मशाला